Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है. इस बीच राजनीतिक दल विधानसभा क्षेत्रों में अपने-अपने समीकरण बनाने में लग गए हैं. प्रदेश में कुछ सीटें ऐसी हैं जिनकी हार और जीत के समीकरण कुछ अलग हैं. ऐसी ही एक सीट है बायतु. पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले की सीमा के करीब गुडामालानी और पचपदरा विधानसभा क्षेत्र को 2007 के परिसीमन के बाद तीन हिस्सों में बांटा गया. उसके बाद बायतु विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया था. आइए इसके बारे में कुछ रोचक तथ्य जानते हैं.
दरअसल, बायतु विधानसभा क्षेत्र में 2008 में पहला विधानसभा का चुनाव हुआ. यह बायतु विधानसभा क्षेत्र में जाट बाहुल्य समाज के मतदाता का प्रभाव इस क्षेत्र में ज्यादा रहता हैं. भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस पार्टी दोनों ही इस सीट पर जाट समाज के उम्मीदवार को ही मैदान में उतारती आई हैं. इस बायतु विधानसभा का यह चौथा कार्यकाल है. टिकट को लेकर पार्टियों की स्थिति वैसी ही रहने की संभावना है.
मौजूदा विधायक नहीं जीत पाया चुनाव
बाड़मेर जिले की सबसे हॉट सीट बन चुकी बायतु विधानसभा सीट पर मुकाबला गठन के बाद से ही रोचक रहा है. बायतु विधानसभा सीट पर एक बार बीजेपी दो बार कांग्रेस का कब्जा रहा है. इसमें सबसे खास बात ये है कि इस सीट से कभी भी मौजूदा विधायक चुनाव नहीं जीत पाया है. हालांकि इस सीट पर हमेशा जाट उम्मीदवार ही जीतता आया है.
यहां पहला चुनाव 2008 का इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी के कर्नल सोनाराम ने बीजेपी के कैलाश चौधरी को हराकर जीत हासिल की थी. दूसरा चुनाव 2013 में हुआ जिसमें बीजेपी के कैलाश चौधरी ने कांग्रेस के कर्नल सोनाराम को हराकर जीत का परचम फहराया था. वहीं तीसरे चुनाव 2018 में कांग्रेस के हरीश चौधरी कैलाश चौधरी को हराकर जीत हासिल की थी.
तीसरे नंबर पर रही बीजेपी
2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुकाबला चौतरफा होता नजर आया. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने हरीश चौधरी को उम्मीदवार बनाया था. वहीं बीजेपी ने तत्कालीन विधायक कैलाश चौधरी पर ही भरोसा जताया था. इसके अलावा मायावती की पार्टी बसपा की ओर से किशोर सिंह भी मैदान में उतरे थे. वहीं 2018 में ही अस्तित्व में आई हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी इस चुनाव में मैदान थी. आरएलपी के उम्मीदवार उम्मेदाराम भी मैदान में बाजी मारने के लिए उतरे थे.
हरीश चौधरी को मिली जीत
इसके चलते यह मामला रोचक हो गया. चुनावी नतीजो में कांग्रेस के हरीश चौधरी बायतु विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस के हरीश चौधरी को 57703 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर आरएलपी के उम्मीदवार उम्मेदाराम को 43900 वोट मिले. वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के कैलाश चौधरी रहे. हरीश चौधरी को जीत मिलने के बाद पार्टी ने तोहफा देते हुए कैबिनेट मंत्री बनाया. हालांकि बाद में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले हरीश चौधरी ने इस्तीफा दे दिया और उन्हें पंजाब कांग्रेस प्रभारी बनाया गया.
लोकसभा चुनाव जीते कैलाश चौधरी
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया. बीजेपी के बागी उम्मीदवार जसवंत सिंह जसोल को हराकर लोकसभा में पहुंचे. 2018 में बायतु विधानसभा से हारे हुए उम्मीदवार कैलाश चौधरी को 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया और वे जीतकर लोकसभा पहुंचे. कैलाश चौधरी को केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बनाया गया.
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