Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के कुछ ही दिन रह गए हैं. बीजेपी-कांग्रेस दोनों अपनी सरकार बनाने के लिए हर विधानसभा को टटोल रहे और प्रत्याशियों की घोषणा कर रहे हैं. कई विधानसभाओं पर कर भी चुके है. ऐसे ने राजस्थान की राजनीति में महत्वपूर्ण 28 सीटें मानी जाती है.
इन 28 सीटों में 16 ऐसी सीटें हैं जिसके आंकड़े बता रहे हैं कि जिस पार्टी ने इन सीटों को जीता, सरकार उसी की बनी है. पिछले 5 विधानसभा चुनाव के आंकड़े यही बता रहे हैं. वहीं राजस्थान में एसटी सीटों की बात की तो 200 में से 25 सीटें है जो 16 को छोड़ राजस्थान के अलग अलग जिलों में है.
सीएम, पीएम से लेकर दिग्गज नेताओं का रहा यहां दौरा
जिन 16 सीटों की हम बात कर रहे हैं वह है उदयपुर संभाग के 6 में से 4 जिलों प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा (यह नया संभाग बना) और उदयपुर की 16 सीटें. यह सीटें एसटी आरक्षित हैं. यानी यहां आदिवासी वोटर्स का प्रभुत्व है. इन्ही वोटर्स को रिझाने के लिए आचार संहिता के पहले पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम अशोक गहलोत और दोनो पार्टियों के दिग्गज नेता दौरा कर चुके हैं. राहुल गांधी भी यहां आ चुके हैं. यही सबसे बड़ा उदाहरण है कि यह सीटें राजस्थान की राजनीति में क्यों महत्वपूर्ण है. इसमें प्रतापगढ़ में 2, बांसवाड़ा में 5, डूंगरपुर में 4 और उदयपुर में 5 सीटें आरक्षित है.
पिछले 5 चुनाव ने आदिवासियों को जिसने पसंद किया वहीं सत्ता में
पिछले 5 विधानसभा चुनाव की बात करें तो आदिवासी वोटर्स ने एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस को पसंद कर अपने वोट डाले हैं. नतीजा इन्ही की पसंद का आया क्योंकि सरकार बदलती रही. हालांकि पिछले सिर्फ 2018 के चुनाव में उलटफेर हुआ है. क्योंकि यहां से आदिवासियों ने बीजेपी को पसंद किया लेकिन सत्ता में कांग्रेस पार्टी आई. क्योंकि पिछले चुनाव ने 16 में से 8 बीजेपी, 5 कांग्रेस और 3 अन्य रही. वहीं वर्ष 2013 में 14 बीजेपी और कांग्रेस 2, वर्ष 2008 में कांग्रेस 13, बीजेपी 2 और एक अन्य, वर्ष 2003 में 9 बीजेपी, 5 कांग्रेस और 2 अंग थे.
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