Rajasthan Assembly Election 2023: कोटा (Kota) उत्तर विधानसभा में कांटे का मुकाबला होने की बात कही जा रही है. दोनों ही पक्ष (बीजेपी-कांग्रेस) यहां अपनी पूरी ताकत झौंक रहे हैं. इसी बीच आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) विधानसभा क्षेत्र कोटा उत्तर में कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल हुए. महर्षि दधीचभवन में आयोजित बैठक में वैभव गहलोत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कोटा देश के चुनिंदा शहरों में शामिल हैं.
वैभव गहलोत ने कहा कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में जिस विजन के साथ विकास करवाया है, उसके चर्चे पूरे देश भर में हो रहे हैं. वैभव गहलोत ने कहा कि यहां की सड़कें, पर्यटन विकास के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट और जन सुविधाओं के लिए करवाए गए विकास कार्यो से शहर का स्वरूप बदल गया है. आमजन को सभी सुविधाओं का लाभ मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की कल्याणकारी योजनाएं महंगाई से राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.
शांति धारीवाल ने बीजेपी पर बोला हमला
उन्होनें कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो सात गारंटी योजनाएं कांग्रेस सरकार देने जा रही हैं, उसके बारे में आप लोग जनता के बीच जाकर बताएं. वहीं मंत्री शांति धारीवाल ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कोटा के विकास के बारे में चर्चा की और साथ-साथ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से मिल रहे लाभ के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं हैं. निजी बिजली कंपनी को लेकर मंत्री शांति धारीवाल ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला.
'विपक्ष के पास बताने को कोई मुद्दा नहीं'
मंत्री शांति धारीवाल ने कहा "कोटा में बिजली कंपनी को बीजेपी की सरकार लेकर के आई और स्थानीय विधायकों ने कंपनी को स्थापित करने में पूरी मदद की. हम जब सरकार में आए तो हमने कंपनी के काले कारनामों को उजागर किया. नगर निगम और यूआईटी के लाखों रुपये के बिल कंपनी द्वारा जारी किए जा रहे थे. इसके बाद जांच करवाई गई तो पाया गया कि कंपनी ने एक ही स्थान पर दो-दो मीटर बिजली लगा रखे थे."
बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं और नदी पार क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री धारीवाल ने पेपर लीक मामले पर भी भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पेपर लीक करने वाले आरोपियों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया. उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार ने पेपर लीक मामले को गंभीरता से लेकर 226 लोगों को जेल भेजा है, जबकि बीजेपी के राज में सेना की परीक्षा तक के पेपर लीक हो गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.