Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का रण तैयार है. ऐसे में सभी राजनीतिक दल सक्रिय हैं. वहीं चुनाव से पहले प्रदेश की चुनिंदा विधानसभा सीटों के बारे में बता रहे हैं. बात करें अगर भरतपुर की तो इस जिले में सात विधानसभा सीटे हैं. भरतपुर जिला जाट बाहुल्य क्षेत्र है भरतपुर की नदबई विधानसभा सीट पर हमेशा से जाट समुदाय का ही विधायक बनकर विधानसभा पहुंचा है.


नदबई से साल 2018 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जोगिन्दर सिंह अवाना विधायक बने थे, जिन्होंने बाद में कांग्रेस में विलय कर लिया. डीग-कुम्हेर विधानसभा सीट हमेशा राजपरिवार के के ही सदस्य विधायक बनते हैं साल 2008 के चुनाव में डॉ.दिगंबर सिंह सिंह चुनाव जीते थे. 


वहीं भरतपुर शहर विधानसभा सीट पर 20 साल से वैश्य जाति का दबदबा रहा है. 20 साल पहले भरतपुर शहर विधानसभा सीट पर ब्राह्मण समाज का दबदबा रहा था. भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2 लाख 70 हजार मतदाता है. भरतपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक जाट मतदाता हैं. भरतपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 85 हजार जाट मतदाता होने के बावजूद कांग्रेस हो चाहे बीजेपी दोनों ही पार्टियां जाट समुदाय के व्यक्ति को अपना प्रत्याशी नहीं बनाती है. साल 2003 से पहले लगातार ब्राह्मण समुदाय से ही भरतपुर शहर विधानसभा सीट पर विधायक रहा है, लेकिन साल 2003 से लगातार 20 सालों से वैश्य समुदाय का ही विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचा है . 


संभावित प्रत्याशियों ने शुरू किया प्रचार
उधर, भरतपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के संभावित प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. वैश्य समाज के कई प्रत्याशी 2023 की चुनावी दौड़ में शामिल हैं और दिन रात अपना प्रचार कर रहे है. वैश्य समाज के पूर्व विधायक विजय बंसल, गिरधारी गुप्ता, यश अग्रवाल, ब्रजेश अग्रवाल, देवेंद्र चामड़, सुनील गोयल सहित और भी कई वैश्य समाज के लोग हैं जो बीजेपी से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. 


आरएलडी-कांग्रेस ने किया था गठबंधन    
कांग्रेस पार्टी से भी कई लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया है. साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस और आरएलडी का गठबंधन था और भरतपुर शहर विधानसभा लोकदल के खाते में थी. पिछली बार यहां से राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी डॉ. सुभाष गर्ग ने जीत हासिल की थी और कांग्रेस की सरकार में राज्यमंत्री बने. इस बार भी डॉ. सुभाष गर्ग ने रालोद के गठबंधन के तहत भरतपुर शहर विधानसभा सीट से टिकट के लिए आवेदन किया है. अब यह देखने वाली बात है की इस बार भी कांग्रेस पार्टी अन्य दलों के साथ गठबंधन करती है या नहीं. 


जाट समुदाय कर रहा टिकट की मांग
हालांकि इस बार भरतपुर में राजनीतिक स्थिति थोड़ी अलग है. क्योंकि अब यहां से जाट समुदाय भी टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश करने लगा है. इस बार जाट समाज के व्यक्ति को टिकट दें अगर जाट समाज के व्यक्ति को टिकट नहीं दिया तो जाट समुदाय लोग महापंचायत कर अपना प्रत्याशी निर्दलीय के रूप में खड़ा करेंगे.


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