Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होने वाले हैं. इसी के साथ ही सभी राजनीतिक दल अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को टिकट वितरण को लेकर माथापच्ची कर रहे हैं. वही टिकट के दावेदार जयपुर और दिल्ली तक चक्कर निकल रहे हैं. कई जगह टिकट नहीं मिलने को लेकर नाराजगी और हूंगा में भी हो रहे हैं वही एक ऐसी खबर सामने आई है जहां पर वरिष्ठ उम्रदराज नेता ने चुनाव नहीं लड़ने कौन सा जाहिर की है. कांग्रेस पार्टी को मंत्री हेमाराम चौधरी के इस कदम से फायदा होगा या नुकसान यह तो चुनाव के परिणाम के बाद ही पता चलेगा बता दे की गहलोत सरकार में मंत्री हेमाराम चौधरी पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट गुट है.
विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिमी राजस्थान के जाट समाज के कद्दावर नेता एवं मंत्री हेमाराम चौधरी ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर नए और युवा कार्यकर्ता को टिकट देने की पैरवी की है. मंत्री हेमाराम चौधरी ने अपने पत्र में लिखा है कि आगामी विधानसभा चुनावों में प्रत्याशी के रूप में नहीं बल्कि एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में हिस्सा लूंगा. मंत्री चौधरी का मानना है कि प्रत्येक उम्रदराज और वरिष्ठ नेता की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह युवा नेताओं को प्रेरित करें उन्हें राजनीतिक स्थान दे और उन्हें आगे बढ़ने का मौका दें
जानिए क्या लिखा पत्र में.....
समाज के पीड़ित और वंचित वर्ग के लोगों के लिए कुछ करने की आशा मुझमें बहुत छोटी उम्र से ही थी. जीवन में यह करने का पहला मौका मुझे वकालत के माध्यम से मिला जिस दौरान गरीब, किसान, और आम आदमी को न्याय दिलाना मेरा मुख्य लक्ष्य था. इस प्रयास को एक बड़े स्तर पर विस्तृत करने का अवसर मुझे कांग्रेस पार्टी ने दिया. उस अवसर और उसके बाद रहे राजनीतिक जीवन के सफर के लिए, मैं कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार का आजीवन ऋणी रहूंगा. पार्टी ने मुझे 6 बार विधान सभा के सदस्य के रूप में जनता की सेवा करने का अवसर दिया. इसके अलावा मुझे राज्य सरकार के मंत्रिमंडल का हिस्सा बन कर पूरे प्रदेश की सेवा करने का मौका मिला जो मेरे जैसे आम कार्यकर्ता के लिए अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआत के समय अकाल्पनिक था. इस दौरान मैंने पार्टी के अन्य पदों पर रह कर संगठन को सशक्त करने में अपना योगदान दिया है.
'मैं हमेशा संघर्ष में आगे रहा'
बीते सालों में जब भी पार्टी को कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा, मैं हमेशा संघर्ष में आगे रहा. मुझे अच्छी तरह याद है जब मैं श्रीमती इंदिरा गांधी जी के साथ जेल गया था तो मुझे कांग्रेस पार्टी के दृढ़ विश्वास को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर मिला. उनके संघर्षों से प्रेरित होकर, मैंने सदैव यही कोशिश की है की मेरा राजनीतिक और सामाजिक जीवन, राजस्थान की जनता और कांग्रेस पार्टी के लिए फक्र और गर्व का कारण बने.
'वह युवा नेताओं को प्रेरित करें'
किंतु अब मैं जीवन के ऐसे पड़ाव पर खड़ा हूं जहां मैं खुद को सक्रिय राजनीतिक जीवन के लिए पूरी तरह से समर्पित करने में असमर्थ हूं. मैंने हमेशा माना है की जिस तरह पार्टी ने मुझे कम उम्र में बड़ी जिम्मेदारी दी थी, वैसे ही मुझे आगे आने वाली पीढ़ी को मौका देना चाहिए. मेरा अपना मानना है की प्रत्येक उम्रदराज़ और वरिष्ठ नेता की नैतिक जिम्मेदारी है की वह युवा नेताओं को प्रेरित करें, उन्हें राजनीतिक स्थान दें, और उन्हें आगे बढ़ने का मौका दें.
'किसी नए कांग्रेस कार्यकर्ता को मौका मिले'
अगर इस एहसास के बावजूद मैं चुनाव लड़ना जारी रखता हूं तो यह राजस्थान की जनता और कांग्रेस पार्टी के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा. इसलिए मैं इस पत्र के माध्यम से निवेदन करना चाहता हूं की आगामी चुनाव में मैं प्रत्याशी के रूप में नहीं, बल्कि एक साधारण कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में ही हिस्सा लूंगा. अतः आपसे प्रार्थना है की गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र से किसी नए कांग्रेस कार्यकर्ता को मौका मिले. मुझे विश्वास है कि केवल गुड़ामालानी ही नहीं, बल्कि राजस्थान की जनता आगामी चुनाव में कांग्रेस पार्टी को दोबारा सेवा का मौका देगी और हम भारी मतों से जीतेंगे.