Rajasthan: सीएम गहलोत के बिजली मुफ्त करने की घोषणा पर BJP का दावा- 'पीएम से प्रभावित होकर...'
Rajasthan Assembly Election 2023: राजेंद्र राठौड़ ने कहा, 'घोषणा दर घोषणा करने से पहले आप विद्युत उपभोक्ताओं को दी गई सब्सिडी के विरुद्ध 15180 करोड़ की बकाया राशि तो विद्युत कंपनियों को तो चुकाएं.'
Rajendra Rathore on Ashok Gehlot Announcement: राजस्थान में विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक हैं और इससे पहले अशोक गहलोत सरकार ने जनता को रिझाने के लिए बड़ा दाव चला है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा एलान करते हुए प्रदेश की जनता को बिजली बिलों में राहत दी है. सीएम गहलोत ने घोषणा की है कि अब राजस्थान में 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त होगी. अब कांग्रेस की राहत घोषणाओं को देखते हुए बीजेपी ने गहलोत सरकार पर बड़ा हमला बोला है.
दरअसल, राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने एक लंबा ट्वीट करते हुए गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से प्रभावित होकर देर रात ये राहत घोषणा की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'साढ़े 4 साल से जनता को लूटने के बाद अब चुनावी साल आते ही यकायक बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज सहित अन्य शुल्क माफ करने की घोषणा से जनता आपके झांसे में नहीं आएगी. आपकी नीति और नीयत दोनों में खोट है.'
कांग्रेस और बीजेपी कार्यकाल में बिजली सरचार्ज की तुलना
इतना ही नहीं, राजेंद्र राठौड़ ने आगे लिखा, 'हद है, साढ़े 4 साल तक औसतन 55 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज विद्युत उपभोक्ताओं से वसूलने वाली कांग्रेस सरकार अब 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज माफ करने की नौटंकी कर रही है. जबकि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में फ्यूल सरचार्ज मात्र औसतन 18 पैसे प्रति यूनिट ही था. जब फ्यूल सरचार्ज की बढ़ोतरी के कारण उद्यमी हड़ताल पर है तो औद्योगिक इकाइयों का फ्यूल सरचार्ज माफ क्यों नहीं कर रहे?'
15180 करोड़ रुपये की बकाया राशि चुकाने की नसीहत
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'घोषणा दर घोषणा करने से पहले आप विद्युत उपभोक्ताओं को दी गई सब्सिडी के विरुद्ध 15180 करोड़ की बकाया राशि तो विद्युत कंपनियों को तो चुकाएं. करीब 1 लाख 20 हजार करोड़ का डिस्कॉम्स का घाटा है और सब्सिडी के खर्चे के लिए विद्युत कंपनियों को प्रति वर्ष 60 हजार करोड़ का लोन बैंकों से लेना पड़ता है जिसका ब्याज भी सालाना लगभग 6500 करोड़ रुपये होता है. सरकार पहले इन्हें चुकाये और फिर जाकर घोषणाएं करे तो बेहतर होगा.'
'कई घंटों तक बिजली कटौती से परेशान है जनता'
'बिजली के बिल में कटौती का फायदा जनता को तब मिलेगा जब बिजली आएगी. प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई घंटों तक अघोषित विद्युत कटौती का दंश विद्युत उपभोक्ता झेलने को मजबूर है. आप महंगी बिजली की खरीद, कोयला खरीद और किसानों के कनेक्शन में टर्नकी प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार को लेकर भी कुछ राहत की घोषणा करते तो बेहतर होता. साथ ही किसानों को दिन में दो ब्लॉक में बिजली आपूर्ति करने और नई कृषि विद्युत वितरण कंपनी बनाने की घोषणाएं कब पूरी होगी, इस पर भी कुछ कहते तो अच्छा होता.'
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