(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan Election 2023: इस त्योहार के दिन राजस्थान में होगा मतदात, वोटिंग परसेंट पर सीधा असर, राजनीतिक दलों में विरोध के स्वर
Rajasthan Election Date 2023: राजस्थान में चुनाव 23 नवम्बर को होंगे, लेकिन इसके साथ ही कहीं ना कहीं विरोध के स्वर भी लगातार सामने आने लगे हैं क्योंकि 23 नवम्बर को ही देव उठनी एकादशी है.
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव 23 नवम्बर को होंगे. इसकी घोषणा चुनाव आयोग द्वारा की गई है, लेकिन उसके साथ ही कहीं ना कहीं विरोध के स्वर भी लगातार सामने आने लगे हैं. 23 नवम्बर को ही देव उठनी एकादशी है और हिंदू धर्म में शादियों की भरमार रहती है और अबूझ सावा होने से बडी संख्या में लोग शादियों में रहेंगे. कहीं बारात जाएगी तो कहीं आएगी. शादी समारोह के आयोजन होंगे. ऐसे में उस परिवार से जुड़े लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे. देव उठनी एकादशी पर चुनाव कराने का सीधा असर मतदान के प्रतिशत पर भी पड़ने वाला है.
देव उठनी एकादशी पर कोटा शहर की बात करें तो पूर्व में भी यहां हजारों की संख्या में शादियां हुई थी और इस बार भी ऐसा ही अनुमान लगाया जा रहा है. देव उठनी एकादशी जहां पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. वहीं जिस परिवार में शादी समारोह है और उससे जुड़े व्यवसाय करने वाले जिसमें टेंट, हलवाई, फोटोग्राफर, बैंड, फूल वाले, बस संचालक, मैरिज गार्डन और पंडित सहित कई लोग भी इन कार्यों में व्यस्त रहेंगे. इसका सीधा असर मतदान पर पड़ेगा. जिला प्रशासन के द्वारा चुनावी कार्य के लिए निजी वाहनों को अधिग्रहण किया जाता है. 23 नवंबर को देवउठनी है और शादियों वाले घर में बरातियों को लेकर जाने के लिए बसों को बुक किया गया है, लेकिन ये सभी बसें चुनावों में अधिग्रहण हो जाएंगी.
बस मालिकों ने क्या कहा
इससे बारातियों को अब बारात ले जाने के लिए बस नहीं मिलेगी. बस मालिकों ने बताया कि जैसे ही मतदान का दिन देवउठनी पर होने की घोषणा की गई. बस मालिकों ने बताया कि यह निजी बस मालिकों के लिए बहुत नुकसान वाली बात है, क्योंकि इस दिन बड़ा सावा होने के लिए सभी बसें बुक रहती हैं. ऐसे में अब चुनाव कार्य के लिए अपनी बसों को देने के बाद में वह कहां से बारातियों को बस उपलब्ध करवा सकेंगे. वहीं राजस्थान बस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि अब चुनाव आयोग ने जब 23 नंबवर को मतदान दिवस घोषित कर दिया गया है, तो उसको तो कोई क्या कर सकता है.
लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे
सत्यनारायण साहू ने बताया कि निजी बस मालिक द्वारा जिस किसी से भी बारात को ले जाने के लिए जो पहले एडवांस पैसा लिया गया, तो उनको लौटा देगा. देवउठनी पर कोटा शहर से ही करीब 100 बसों को बारात में ले जाने के लिए बुक किया गया था, लेकिन अब 100 बसों को चुनाव कार्य के लिए लगाया जाएगा और रोडवेज के पास भी पर्याप्त बसें नहीं है. राम बाबू सोनी, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष ने कहा कि देव उठनी एकादशी हिंदू धर्म का बडा पर्व है और अबूझ सावा होने से लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे. इस दिन शादी समारोह अधिक होते हैं, एक शादी में वर और वधू पक्ष के सैकड़ों लोग शामिल होते हैं.
वहीं रविन्द्र त्यागी, कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष ने कहा कि देव उठनी एकादशी पर चुनाव होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. शादी समारोह की धूम रहेगी और उसी दिन चुनाव होगा. चुनाव आयोग को इस पर विचार करना चाहिए. संभव हो सके तो तारीख चेंज होनी चाहिए. वहीं अवधेश दास महाराज, राम धाम आश्रम संस्थापक, बड़ा भक्तमाल अयोध्या के महंत ने कहा कि देव उठनी एकादशी हिंदू धर्म का बडा पर्व है. इस दिन बडी संख्या में शादियां होती हैं.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कई घरों में पूजन होगा. निर्वाचन विभाग ईद के दिन चुनाव करा सकता है क्या. ऐसा नहीं हो सकता तो देव उठनी को क्यों चुनाव की तारीख तय की गई. निर्वाचन विभाग को इस पर विचार कर इस दिनांक को बदलना चाहिए. देव उठनी पर चुनाव होते हैं, तो हजारों लाखों हिंदू परिवार मतदान से वंचित रह जाएंगे.