Rajasthan Assembly Election 2023: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा की जयपुर में पार्टी की बैठक के एक दिन बाद गुरुवार को वसुंधरा राजे गुट के नेता देवी सिंह भाटी पार्टी में लौट आए. भाटी प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सी.पी. जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और प्रभारी अरुण सिंह की मौजूदगी में फिर से बीजेपी में शामिल हो गए.


'गिले शिकवे हुए दूर'
उन्होंने कहा, "मैं चार साल बाद बीजेपी में लौटा हूं. पार्टी ने मुझे गले लगा लिया है. कुछ परिस्थितियों के कारण मैं किसी समय अलग हो गया था. मेरी वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा हुई. जो भी गिले-शिकवे थे वे दूर हो गए हैं. मैंने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी बात की है. हम दोनों संतुष्ट हैं. हम मिलकर 2023 में बीजेपी सरकार बनाएंगे.'' 


'लोकसभा चुनाव से पहले छोड़ी थी पार्टी'
2019 के लोकसभा चुनाव में अर्जुन राम मेघवाल को बीकानेर से उम्मीदवार बनाए जाने से नाखुश होकर भाटी ने पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ खुलेआम प्रचार किया था. इस बीच पिछले कई महीनों से उनकी पार्टी में वापसी की चर्चा चल रही थी और गुरुवार को उनकी वापसी हो गई.


1980 में लड़ा पहला चुनाव
भाटी 1980 में कोलायत विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए थे. तब से लेकर 2008 तक वह लगातार इसी सीट से विधायक चुने गए. 2013 में वह चुनाव हार गए. 2018 में बीजेपी ने उनकी बहू पूनम कंवर को टिकट दिया था, लेकिन वह भी कांग्रेस उम्मीदवार भंवर सिंह भाटी से चुनाव हार गईं.


राजे के करीबियों में होती है गिनती
बता दें कि देवी सिंह भाटी की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के खास नेताओं में होती है. वहीं चुनाव से पहले उनकी इस घर वापसी को बीजेपी खासतौर पर राजे गुट के लिए मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है.


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