Rajasthan Election 2023: बीजेपी में शामिल हो सकते हैं कांग्रेस के 25 नेता, नेताओं के दल बदलवाने से क्या होगा फायदा?
Rajasthan Elections 2023: इससे बीजेपी को पहला फायदा यह है कि ऐसा करने से क्षेत्र का वोट बैंक प्रभावित करना. दूसरा फायदा यह कि कांग्रेस की सरकार होते हुए कांग्रेस में नेताओं की अनदेखी का माहौल बनेगा.
Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के बेटे और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के एक रिश्तेदार पिछले दिनों कांग्रेस (Congress) छोड़ बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए थे.ऐसी खबरें हैं कि करीब 25 ऐसे ही और चेहरे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इनमें दो मंत्रियों के परिवार समेत कई निर्दलीय और पूर्व विधायक शामिल हैं. राजस्थान विधानसभा और लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जाएगा, पार्टियों में नेताओं के आने-जाने या निष्ठा बदलने का दौर बढ़ता जाएगा.
किन नेताओं पर है बीजेपी की नजर
बीजेपी उन लोगों को फिर अपने खेमे में लाने की कवायद कर रही है, जो किसी कारण से पार्टी छोड़ गए थे. इनमें पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री रहे सुरेंद्र गोयल, पूर्व विधायक विजय बंसल, देवी सिंह भाटी, पार्टी से निष्कासित चल रहे रोहिताश्व शर्मा और निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला के नाम चर्चा में हैं.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित कर उनकी घर वापसी करवाई जाएगी. नेताओं के अलावा रिटायर्ड अफसर और प्रोफेशनल्स को भी पार्टी में शामिल किया जाएगा. यह भी बताया जा रहा है कि रणधीर सिंह भिंडर को भी पार्टी के पक्ष में लाया जा सकता है. पार्टी में शामिल नहीं होने की स्थिति में उनसे कुछ सीटों पर समझौता किया जाएगा, ताकि, मेवाड़ में पार्टी को मजबूत किया जा सके.
क्या होगा बीजेपी को फायदा
बीजेपी लोकसभा चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. यही वजह है कि बड़े नेताओं की नजर उदयपुर संभाग के आदिवासी बेल्ट और पूर्वी राजस्थान पर है. ऐसे में इन दोनों जगहों के मंत्री परिवारों के सदस्य से बीजेपी में शामिल होने की बात की जा रही है. कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में शामिल करवाने के दो सियासी मायने हैं.
पहला फायदा यह है कि ऐसा करने से क्षेत्र का वोट बैंक प्रभावित करना. दूसरा फायदा यह कि कांग्रेस की सरकार होते हुए कांग्रेस में नेताओं की अनदेखी का माहौल बनाना. इसी को घ्यान में रखते हुए जगन्नाथ पहाड़िया के बेटे को बीजेपी में शामिल कराया गया. सुभाष महरिया को बीजेपी में शामिल कराने के साथ-साथ कांग्रेस आलाकमान को किसानों और युवाओं की अनदेखी का पत्र सार्वजनिक कराना आदि शामिल है.
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