Arvind Kejriwal- Hanuman Beniwal Meeting: राजस्थान विधानसभा चुनाव में महज 7 महीने से कम का समय बचा है. ऐसे में चुनावी रणनीति तैयार की जा रही है. सभी दल अपने-अपने दावे पेश कर रहे . इस बार कुछ दलों के जीवन और कुछ नेताओं के भविष्य का सवाल है. क्योंकि यहां पर इस बार कोई भी दल बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई नहीं चाहता. इन सबके बीच एक दल है राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) जिसके मुखिया हैं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल. वो इस समय किसी बड़े दल के साथ चुनाव मैदान में जाना चाहते हैं.


हनुमान बेनीवाल की बीजेपी और कांग्रेस से दूरी है. सूत्रों की मानें तो हनुमान बेनीवाल ने बसपा सुप्रीमो मायावती से भी मुलाकात की, लेकिन बात बनी नहीं. अब उनकी आम आदमी पार्टी से दोस्ती होने के संकेत मिल रहे हैं. दिल्ली में हनुमान बेनीवाल की बेटी के जन्मदिन पर जिस तरीके से दिल्ली और पंजाब के सीएम ने शिरकत की है, उससे कई बातें साफ होती हुई दिख रही हैं.


सूत्र बता रहे हैं कि आप और आरएलपी में शुरुआती बातचीत हो रही है. भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल से हनुमान बेनीवाल की अच्छी मुलाकात रही है. 


ज्यादा से ज्यादा जनता को साधने की कोशिश में आप और आरएलपी
जयपुर में 13 मार्च को अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने एक साथ मिलकर तिरंगा यात्रा निकाली. इसमें उम्मीद के अनुसार भीड़ या लोग नहीं आ पाए. अब जब चुनाव नजदीक हैं, तो आप यहां पर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. आप जीत के लिए पूरी मेहनत कर रही है और दांव पेंच लगाने में जुटी है. सूत्रों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि आप और आरएलपी एक साथ चुनावी मैदान में उतरें. इससे एक बड़ा वोट प्रतिशत साधा जा सकेगा.


कुछ ऐसी हो सकती है रणनीति
सूत्र बता रहे हैं कि जाट और मुस्लिम के साथ आप वोटर्स पर डोरे डालना चाहती है. इससे उसे मजबूत लड़ाई लड़ने की उम्मीद है. इस रणनीति के तहत वो काम कर रही हैं. जाट वोटर्स इस बार एकजुट नहीं हैं. पिछले चार साल में हुए 8 उपचुनाव में आरएलपी को खूब वोट मिले हैं. जाट बाहुल्य सीटों पर आरएलपी की स्थिति मजबूत रही है. इसे बनाए रखने और आप के वोटर्स को जोड़कर माहौल मजबूत करने की तैयारी है.


पिछला चुनाव कुछ ऐसा रहा 
साल 2018 के विधानसभा चुनवा में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने 57 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हनुमान बेनीवाल को 82 हजार से अधिक वोट मिले थे. बेनीवाल सहित उनकी पार्टी में 50 हजार से अधिक वोट पाने वाले प्रत्याशियों की संख्या चार थी. RLP को कुल  2.4% वोट मिले. वोटों की कुल संख्या 8 लाख 32 हजार 852 रही. 


वहीं, आप ने AAP ने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन 51 उम्मीदवार ऐसे रहे जिनको 500 वोट भी नहीं मिल पाए. राजस्थान में आम आदमी पार्टी को कुल मिलाकर 135816 वोट मिले थे, जो NOTA के तहत पड़े वोटों के मुकाबले 71 प्रतिशत भी कम थे. एक प्रतिशत भी वोट नहीं मिला था.


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