Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख है घोषित होने के बाद आचार संहिता लग गई है. आचार संहिता लगने के बाद का अब जो समय राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने प्रतिनिधि घोषित करने और घोषित प्रतिनिधि के खिलाफ पार्टी में ही विरोध का चल रहा है. इस बीच में बड़ी बात यह सामने आई है कि पिछले चुनाव में आदिवासी क्षेत्र में उभरकर सामने आई भारतीय ट्राइबल पार्टी अब राजस्थान के कई विधानसभा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार उतारेगी. यहीं नहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी अकेली नहीं तीन अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन भी करेगी. जानिए क्या है थर्ड फ्रंट की चुनावी रणनीति.
15 अक्टूबर के बाद जारी की जाएगी पहली सूची
भारतीय ट्राइबल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा से एबीपी ने बात की तो उन्होंने बताया कि बिल्कुल आचार संहिता लग गई है. 23 नवंबर को मतदान करने जाएंगे. इससे पहले भारतीय ट्राइबल पार्टी अपनी चुनावी रणनीति में लगी हुई है. आगामी 15 अक्टूबर के बाद पहली सूची जारी की जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि मेवाड़ और बागड़ की 28 सीटों में से 16 सीटें इसटी आरक्षित है. इन सभी सीटों पर बीटीपी अपने कैंडिडेट उतारेगी.
भारतीय ट्राइबल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा से एबीपी ने बात की तो उन्होंने बताया कि बिल्कुल आचार संहिता लग गई है. 23 नवंबर को मतदान करने जाएंगे. इससे पहले भारतीय ट्राइबल पार्टी अपनी चुनावी रणनीति में लगी हुई है. आगामी 15 अक्टूबर के बाद पहली सूची जारी की जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि मेवाड़ और बागड़ की 28 सीटों में से 16 सीटें इसटी आरक्षित है. इन सभी सीटों पर बीटीपी अपने कैंडिडेट उतारेगी.
यही नहीं पाली, बाड़मेर और झालावाड़ इन तीन जगह पर भी कैंडिडेट उतरेंगे. उदयपुर संभाग की 16 सीटों पर तो बीटीपी के ही कैंडिडेट होंगे, लेकिन इसके अलावा अन्य जहां भी कैंडिडेट उतरे जाएगा उसमें राजस्थान डेमोक्रेटिक पार्टी, अंबेडकर पार्टी ऑफ़ इंडिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के साथ गठबंधन करेंगे. जल्द की इसकी सूचना प्रसारित करवा दी जाएगी.
क्या चुनौतियां है बीटीपी के सामने
भारतीय ट्राइबल पार्टी पिछले चुनाव में उभरकर सामने आई थी, वागड़ में दो सीटों पर अपना कब्जा जमाया था. इसकी आदिवासी क्षेत्र के जड़े मजबूत हुई ही थी कि एक बाद झटका लगा. वह झटका था, बीटीपी के दोनो ही विधायक ने आदिवासी समाज संगठन के बैनर तले नई भारतीय आदिवासी पार्टी खड़ी कर दी. अब बीटीपी के लिए भाजपा कांग्रेस के साथ आदिवासी क्षेत्र में यहीं पार्टी चुनौती बन गई है. इस चुनौती पर वेलराम घोघरा ने बताया कि चुनावी टूर्नामेंट है. जब खिलाड़ी नहीं उतरेंगे तो खेल कैसे होगा.
भारतीय ट्राइबल पार्टी पिछले चुनाव में उभरकर सामने आई थी, वागड़ में दो सीटों पर अपना कब्जा जमाया था. इसकी आदिवासी क्षेत्र के जड़े मजबूत हुई ही थी कि एक बाद झटका लगा. वह झटका था, बीटीपी के दोनो ही विधायक ने आदिवासी समाज संगठन के बैनर तले नई भारतीय आदिवासी पार्टी खड़ी कर दी. अब बीटीपी के लिए भाजपा कांग्रेस के साथ आदिवासी क्षेत्र में यहीं पार्टी चुनौती बन गई है. इस चुनौती पर वेलराम घोघरा ने बताया कि चुनावी टूर्नामेंट है. जब खिलाड़ी नहीं उतरेंगे तो खेल कैसे होगा.