Rajasthan Politics: राजस्थान में इस बार चुनाव को लेकर आप और ओवैसी की पार्टी बड़ा गेम करने की तैयारी में है, जिससे असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और आप की एंट्री से बीजेपी खेल करने की तैयारी में है. इसका अंदाजा कांग्रेस को लग भी नहीं पाएगा. राजस्थान में कुल 30 मुस्लिम बाहुल्य सीटें हैं. इनमें से पिछली बार कुल 8 सीटों पर कांग्रेस जीतकर आई है. ऐसे में जिन सीटों पर कांग्रेस कमजोर रही है, वहां पर ओवैसी की पार्टी मजबूती से डटने की कोशिश में है. वहीं आप पार्टी भी प्रदेश में मजबूती से आगे आने की तैयारी में हैं. पिछली बार राजस्थान में बीजेपी को मात्र 0.5 फीसद कम मत मिले थे. उसी को नजर में रखते हुए बीजेपी अपनी रणनीति को बनाने में लगी है.
हाल में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में आप ने कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाया था. उसी को लेकर यहां पर कांग्रेस अलर्ट मोड पर है. आप के साथ ओवैसी भी राजस्थान की 30 सीटों पर अपनी नजर बनाए हुए है. ओवैसी और केजरीवाल मिलकर कांग्रेस पर डबल प्रहार करने की तैयारी में हैं. इस बात को लेकर कांग्रेस इन्हें रोकने की तैयारी में हैं.
कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती
कांग्रेस ने अभी से ग्राउंड स्तर पर रणनीति बनाकर काम शुरू कर दिया. कांग्रेस में मुस्लिमों का उचित सम्मान पद नहीं देने से कई जगह नाराजगी देखने को मिल रही है. जयपुर के किशनपोल, जयपुर में हवामहल, अलवर की रामगढ़ तिजारा, भरतपुर में कामा में अभी से पार्टी डट गई है. आप ने राजस्थान में लगभग 20 सीटों पर मजबूती से तैयारी कर ली है. हालांकि, आप 200 सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. आप ने कांग्रेस को पंजाब और दिल्ली में बड़ा नुकसान पहुंचाया है. गुजरात में आप ने कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में अब आप से टक्कर लेने के लिए कांग्रेस प्लान बना रही है.
इन जिलों में हैं पूरी तैयारी
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महासचिव हमीद खान मेवाती ने बताया कि हमारी लगभग पूरी तैयारी हो चुकी है. प्रदेश में 30 सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं. जयपुर की आदर्श नगर, किशन पोल,हवामहल, भरतपुर जिले की कांमा और नगर, अलवर जिले की रामगढ़ और तिजारा, झुंझुनू सदर ये सीटें पूरी तरह से मुस्लिम बाहुल्य हैं. ऐसे ही राजस्थान के लगभग 16 जिलों में करीब 30 ऐसी सीटें हैं. जयपुर, अजमेर, जैसलमेर, बाड़मेर, कोटा, सीकर, झुंझुनूं, चूरू, अलवर, भरतपुर, नागौर जिलों में स्थित सीटों पर हर चुनाव में 15-17 के आस-पास मुस्लिम प्रत्याशी जीतते रहे हैं. इन जिलों में करीब 20 सीटों पर मुस्लिम वोटरों का समर्थन बहुत मायने रखता है.
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