Rajasthan Election 2023: चुनाव से पहले अशोक गहलोत सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए उठाया बड़ा कदम, इन जिलों में बनेंगे हॉस्टल
Rajasthan Election 2023 News: विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के नौ जिलों में अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए 50-50 बेड के 10 हॉस्टल बनाने का फैसला किया है.
Rajasthan Elections 2023: विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. प्रदेश के अल्पसंख्यक छात्रों के लिए नौ जिलों में कुल 10 हॉस्टल बनेंगे. सरकार का कहना है कि प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को बेहतर तालीम मुहैया कराने के लिए विभिन्न जिलों में छात्रावास खोलने का काम शुरू होने वाला है. इतना ही नहीं जयपुर के मानसरोवर में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास (Working Women Hostel) और जोधपुर में अल्पसंख्यक नागरिक सुविधा केंद्र बनाया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री ने इनकी स्थापना सहित अल्पसंख्यक विकास कोष की राशि 200 करोड़ रुपये करने और वर्ष 2022-23 में अनुमोदित प्रगतिरत कार्यों को कोष के तहत कराए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.
इन जिलों में बनेंगे छात्रावास
सरकार द्वारा इन जिलों में छात्रावास बनाये जाएंगे. जयपुर में किशनपोल (बालिका ), दूदू , नागौर में कुचामन सिटी (बालिका), बारां, भरतपुर, बीकानेर, अजमेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़ और चूरू में 50-50 बेड के छात्रावास बनाए जाएंगे. इसके लिए कुल 28 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इन छात्रावासों में कक्षा नौ से लेकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे. मुख्यमंत्री की बजट घोषणा अनुरूप जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय की कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास बनेगा. यह 100 बेड का होगा. इसमें विभिन्न जिलों से जयपुर में आकर कार्य करने वाली अल्प-पारिश्रमिक प्राप्त महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. इसमें 10 करोड़ रुपये व्यय होंगे.
मजबूत जिलों पर है फोकस
गहलोत सरकार ने इस फैसले को मजबूत जिलों में लिया है. दूदू को नया जिला बनाया है. किशनपोल विधानसभा सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है. भरतपुर, बारां, अजमेर और बूंदी के साथ ही साथ चूरू पर सरकार ने पूरा फोकस किया है. क्योंकि, ये जिले कांग्रेस के लिए खास हैं.
अल्पसंख्यक नागरिक सुविधा केंद्र
जोधपुर में 12.60 करोड़ रुपये की लागत से अल्पसंख्यक नागरिक सुविधा केंद्र बनेगा. यहां अल्पसंख्यकों से संबंधित सभी योजनाओं की जानकारी मिलेगी. केंद्र में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा. विद्यार्थियों और आमजन के प्रोत्साहन के लिए गोष्ठियां भी आयोजित हो सकेंगी.
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