Rajasthan Election 2023 News: कांग्रेस नेता सचिन पायलट के साथ अपने विधानसभा चुनाव मुकाबले को “स्थानीय-बनाम-बाहरी” लड़ाई के रूप में पेश करते हुए टोंक से बीजेपी के उम्मीदवार अजीत सिंह मेहता ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की “पद उन्हें नहीं छोड़ रहा है” टिप्पणी का हवाला देते हुए दावा किया कि पायलट को इस बार “मुख्यमंत्री पद के चेहरे का लाभ” नहीं मिलेगा जो उन्हें 2018 में मिला था.
मेहता 2013 से 2018 तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. मेहता को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट से मुकाबला करने की जिम्मेदारी सौंपी है, जिन्होंने 2018 में अपने बीजेपी प्रतिद्वंद्वी यूनुस खान पर यहां से 54 हजार से अधिक मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की थी.
मेहता इसे “स्थानीय बनाम बाहरी” की लड़ाई के रूप में पेश कर रहे हैं. वह दावा करते हैं कि वह टोंक निवासी हैं जो लोगों की समस्याओं को जानते हैं जबकि पायलट एक “बाहरी व्यक्ति” हैं जिन्होंने पिछली बार ‘मुख्यमंत्री पद का चेहरा’ होने का लाभ उठाते हुए बड़ी जीत हासिल की थी.
शुक्रवार को यहां सांखना गांव में प्रचार अभियान के दौरान मेहता ने बताया, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि चुनाव स्थानीय बनाम बाहरी का है. पिछले चुनाव के दौरान मामला अलग था क्योंकि वह (पायलट) मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे और अपनी पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष थे. आज वह भी विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और मैं भी.”
बीजेपी नेता ने कहा, “मुख्यमंत्री (गहलोत) ने कहा है कि वह पद छोड़ना चाहते हैं लेकिन पद उन्हें नहीं छोड़ रहा है. पूरा राजस्थान जानता है कि (कांग्रेस में) मुख्यमंत्री का चेहरा तय है. वह (पायलट) विधायक बनने के लिए लड़ रहे हैं और पहली बार किसी स्थानीय व्यक्ति का सामना कर रहे हैं. यह स्थानीय बनाम बाहरी का चुनाव है.”
उनकी यह टिप्पणी कुछ हफ्ते पहले गहलोत के दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में दिए गए उस बयान के बाद आई है जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहते हैं लेकिन यह उन्हें नहीं छोड़ रहा है और संभवत: भविष्य में भी नहीं छोड़ेगा. यह टिप्पणी गहलोत और पायलट के बीच लंबे समय से चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच आई थी. मेहता ने पायलट पर पिछले पांच वर्षों में निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के बीच नहीं रहने का भी आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, “पिछले पांच साल में 54,000 से अधिक वोटों से जीतने के बाद उन्होंने (पायलट) 54 बार भी लोगों के अच्छे और बुरे समय में उनके साथ नहीं खड़े हुए.” मेहता ने दावा किया, “हमारा विधानसभा क्षेत्र विकास से वंचित रह गया.” मेहता ने कहा कि वह यहां से पांच साल तक विधायक रहे हैं और चाहे सड़क हो, पानी हो या स्वच्छता, उन्होंने लोगों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कड़ी मेहनत की है.
मेहता ने कहा, “जनता का मूड बदलाव का है और जो जनप्रतिनिधि जनता के बीच नहीं रहा और उनकी समस्याएं नहीं सुनीं, वह किस आधार पर (वोट मांगेगा)..., मुझे नहीं पता.” उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच वर्षों से राजस्थान के लोग कुशासन की सरकार से जूझ रहे हैं, जो भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ और किसानों को धोखा देने में नंबर-1 है. खुद को स्थानीय निवासी बताते हुए मेहता ने कहा कि अगर कोई स्थानीय है तो इससे बहुत फर्क पड़ता है. विधानसभा चुनाव के तहत राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.