Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. जिला प्रशासन, पुलिस और राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने भी अपनी तैयारी शुरू की है. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई जनक्लयाणकारी योजनाए शुरू की हैं. इसी बीच एबीपी न्यूज की ग्राउंड रिपोर्ट में जनता ने अपने विधायक के बारे में जो राय रखी, उससे इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की मुश्क्लिें बढ़ती दिख रही हैं.

दरइसल, बीते दिन एबीपी की टीम भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव सूती-फुलवारा पहुंची. वहां के स्थानीय लोगों से विधायक के बारे बात की गई. लोगों से पूछा कि क्षेत्र में विकास को लेकर क्षेत्रीय विधायक और राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को कितने नंबर देना चाहेंगे, तो उनका कहना था जीरो. कोई नंबर नहीं है. भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव सूती-फुलवारा में क्षेत्रीय विधायक डॉ. सुभाष गर्ग का कड़ा विरोध देखने को मिला है.


गांव वालों का कहना है कि सिर्फ कागजों में ही विकास हो रहा है. राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया है. गांव वालों का कहना है ति सिर्फ अपने चहेते लोगों के काम कराए हैं. गांव में पार्टियां बना दी हैं. कुछ लोगों का मानना था कि काम तो कराए हैं, लेकिन सिर्फ अपने लोगों के.   


'महाराजा विश्वेन्द्र सिंह कहेंगे उसी को देंगे वोट'
भरतपुर संभाग में कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की अपनी एक पहचान है. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह को 36 कौम का नेता माना जाता है. हालांकि डीग जिला बन गया है और मंत्री विश्वेन्द्र सिंह कुम्हेर-डीग विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह संभाग के प्रमुख नेता माने जाते हैं. भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव सूती-फुलवारा के लोगों का कहना है कि हमको भरतपुर राजपरिवार के सदस्य एवं कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह जहां कहेंगे वही वोट देंगे.


वैसे गांव के लोगों का कहना यह अभी था की इस बार हम महाराजा साहब से भी अर्जी लगाएंगे की भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा जाट मतदाता है. क्यों न इस बार जाट समाज का ही प्रत्याशी मैदान में उतारा जाए.

'कुर्सी बचाने के लिए विधायकों को लूट के लिए खुली छूट'
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में लोग मुख्यमंत्री से नाराज नहीं है और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को भी अच्छी बताया है. राजस्थान में नाराजगी है तो सिर्फ क्षेत्रीय विधायकों से लोग नाराज हैं. लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए विधायकों को लूट करने की खुली छूट दी थी. उसी का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा.


अब देखने वाली बात यह होगी की भरतपुर विधानसभा जैसे प्रदेश की अन्य विधानसभा क्षेत्र में भी लोग अपने विधायकों के काम से कितने खुश है, क्या बीजेपी कांग्रेस के राज को बदलेगी या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार को रिपीट कर राजस्थान में एक बार कांग्रेस एक बार बीजेपी का बदलेंगे रिवाज.


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