Rajasthan Election 2023: SC के लिए आरक्षित है भरतपुर की बयाना सीट, गुर्जर और अनुसूचित जाति के मतदाता चुनते हैं विधायक
Rajasthan Election 2023: बयाना विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है यहां गुर्जर समुदाय के मतदाता लगभग 60 हजार है जिनकी किसी भी विधायक को चुनने में अहम भूमिका रहती है.
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 का ऐलान हो चुका है. सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव के मैदान में अपनी-अपनी तैयारी में जुट गए हैं. चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशी टिकट की जुगत बिठाने के लिए दिल्ली और जयपुर में डेरा डाले हुए है. जितने भी संभावित प्रत्याशी है, सभी यह दावा करते नजर आ रहे है की उनका टिकट पक्का है. अब देखने वाली बात यह है की किसको पार्टी टिकट दे.
भरतपुर जिले की बयाना विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. लेकिन बयाना विधानसभा सीट पर गुर्जर समुदाय के मतदाता भी लगभग 60 हजार है, जो किसी भी विधायक को चुनने में गुर्जर समुदाय की अहम भूमिका रहती है. बयाना विधानसभा सीट पर वर्ष 2003 से बीजेपी के प्रत्याशी की जीत होती रही है. लेकिन वर्ष 2018 के चुनाव में सचिन पायलट ने गुर्जर समुदाय को कांग्रेस की तरफ मोड़ दिया और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी अमर सिंह जाटव की जीत हुई थी और बीजेपी प्रत्याशी ऋतू बनावत की हार हुई थी.
15 शालों में ये रहे विधायक
बयाना विधानसभा सीट पर वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी अतर सिंह बढ़ाना की जीत हुई थी, वहीं वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के ग्यासा राम कोली चुनाव में जीत कर विधायक बने और 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बच्चू सिंह बंशीवाल ने जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन वर्ष 2018 के विधासभा चुनाव में गुर्जर समुदाय के मतदाता को सचिन पायलट ने कांग्रेस की तरफ मोड़ दिया था और कांग्रेस प्रत्याशी अमर सिंह जाटव की जीत हुई थी.
बीजेपी को मिल सकता है फायदा
इस बार गुर्जर मतदाता कांग्रेस पार्टी से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाने से नाराज है और इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है. अब देखने वाली बात यह होगी की क्या सचिन पायलट अब गुर्जर समुदाय के मतदाता को समझाइश कर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करवा सकते है की नहीं. बयाना विधानसभा सीट पर हार जीत गुर्जर समुदाय के मतदाता पर निर्भर करती है.
क्या है बयाना विधानसभा का चुनावी जातीय समीकरण
बयाना विधानसभा क्षेत्र में एससी समुदाय के मतदाता सबसे अधिक लगभग 70 हजार है उसके बाद दूसरे नंबर पर गुर्जर समुदाय के लगभग 60 हजार मतदाता है जो विधायक को चुनने में अपनी अहम भूमिका निभाते है. ब्राह्मण समुदाय के लगभग 25 हजार , जाट समुदाय के 20 हजार , कुशवाहा माली लगभग 20 हजार ,वैश्य लगभग 15 हजार , ठाकुर 12 हजार , लोधे लगभग 12 हजार ,धाकड़ लगभग 7 हजार , एसटी 6 हजार सहित अल्पसंख्यक भी लगभग 6 हजार मतदाता है जो विधायक को चुनने में अपने मत का प्रयोग करते है. अब देखने वाली बात यह है की इस बार बयाना विधानसभा क्षेत्र के लोग अपना समर्थन देकर विधानसभा में भेजते है.
दोनों ही प्रमुख पार्टियों के जिलाध्यक्ष बयाना के
भरतपुर जिले की बयाना विधानसभा सीट पर हार - जीत की बात करे तो दोनों ही पार्टियों के लिए बयाना विधानसभा सीट मुख्य मानी जा रही है, क्यों की भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष ऋषि बंसल बयाना के रहने वाले है, उनका कितना असर रहता है. चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को जीताने के लिए यह समय ही बताएगा और भरतपुर की सांसद भी अनुसूचित जाती की है और वो भी बयाना की रहने वाली है, इसलिए बीजेपी का इस सीट पर जीत दर्ज करना जरूरी हो जाता है.
कांग्रेस की बात करे तो भरतपुर जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष दिनेश सूपा भी बयाना विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले है, साथ ही गुर्जर समुदाय से आते है. अब देखने वाली बात यह होगी की कांग्रेस जिलाध्यक्ष और सचिन पायलट गुर्जर मतदाता को कितना कांग्रेस की तरफ मोड़ सकते है.
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