Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की संभवतया अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में घोषणा हो सकती है. घोषणा के बाद से ही राजस्थान में आचार संहिता लग जाएगी. इससे पहले ही सभी राजनीतिक पार्टियां प्रत्येक सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करने के लिए कई पहलुओं पर विचार करने के लिए लगातार बैठकें आयोजित कर रही हैं. पार्टियों की नजर सबसे ज्यादा मेवाड़ और वागड़ की 28 सीटों पर गड़ी हुई हैं. यही नहीं इन 28 सीटों में भी सबसे ज्यादा दम यहां की एसटी आरक्षित 16 सीटों पर लगाया जा रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां पर राष्ट्रीय पार्टियों के साथ प्रमुख स्थानीय पार्टियों ने भी चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा की है और अपने प्रत्याशी घोषित करने में जुटी हुई हैं.
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस तो पूरे राजस्थान की विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी ही, क्योंकि ये दोनों ही पार्टी राष्ट्रीय पार्टी हैं. वहीं राजस्थान के ऐसे भी कई हिस्से हैं, जहां पर स्थानीय पार्टियां अपना प्रभुत्व और वजूद रखती हैं. ये स्थानीय पार्टियां हैं भारतीय ट्राइबल पार्टी और भारतीय आदिवासी पार्टी. इनका वजूद मेवाड़ और वागड़ यानी उदयपुर और बांसवाड़ा संभाग में है. भारतीय ट्राइबल पार्टी के तो पिछले चुनाव में दो विधायक जीते थे. वहीं भारतीय आदिवासी पार्टी हाल ही में बनी है, लेकिन इसी पार्टी के बैनर तले छात्र संघ चुनाव में युवाओं ने जीत हासिल की थी.
बांसवाड़ा संभाग में एसटी आरक्षित 16 सीटें
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस मेवाड़ की सभी 28 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी, जिसकी तैयारियां पार्टी स्तर पर चल रही हैं. अब ऐसे में बात आती है भारतीय ट्राइबल पार्टी और भारतीय आदिवासी पार्टी की. पिछले चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी से दो विधायकों ने जीत दर्ज की थी, लेकिन अब वही दो विधायक पार्टी से अलग हो गए हैं और आदिवासी समाज के नेतृत्व में भारतीय आदिवासी पार्टी का गठन कर दिया है. भारतीय ट्राइबल पार्टी और भारतीय आदिवासी पार्टी के पदाधिकारी घोषणा कर चुके हैं कि उदयपुर संभाग और बांसवाड़ा संभाग में एसटी आरक्षित 16 सीटों पर वो अपने-अपने उमीदवार उतारेंगे. ऐसे में यहां रोमांचक चतुष्कोणीय मुकाबला होगा.
बता दें मेवाड़ वागड़ की 28 सीटों में यहां बीजेपी 15 सीटों के साथ अभी बढ़त में है. यहां वर्तमान में बीजेपी का वजूद है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित अन्य केंद्रीय नेता यहां सभाएं कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो सीएम गहलोत ने इस क्षेत्र में कई घोषणाएं की हैं और लगातार यहां के दौरे भी किए हैं. साथ ही इसी क्षेत्र से राज्य में दो मंत्री भी हैं. भारतीय आदिवासी पार्टी की बात की जाए तो इसने छात्र संघ चुनाव में भारी विजय प्राप्त की है. इसके साथ ही इस पार्टी का कॉन्फिडेंस बढ़ा है. साथ ही आदिवासी समाज का साथ होने से इसकीस्थिति मजबूत है. भारतीय ट्राइबल पार्टी ने ही इस क्षेत्र से आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करने के रूप के पार्टी की नीव रखी थी. लोगों ने भी साथ दिया और पहली बार में ही दो विधायक जीते.