Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) ने अब तक कम से कम 29 ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जो नेताओं के रिश्तेदार हैं या राजनीतिक परिवारों से हैं. 200 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने अब तक 124 सीटों और सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 95 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है. बीजेपी ने 124 उम्मीदवारों की अपनी दो सूचियों में कम से कम 11 ऐसे लोगों को टिकट दिया है, जो प्रमुख नेताओं के परिवार के सदस्य हैं.


वहीं अब तक 95 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी कांग्रेस ने भी राजनीतिक परिवारों से आने वाले 18 लोगों को टिकट दिया है. बीजेपी की सूची में कई प्रमुख नेताओं के बेटे, बेटियां, पोतियां और बहुएं शामिल हैं. सूची में उन नेताओं के परिवार के सदस्यों पर उचित ध्यान दिया है, जिनकी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मृत्यु हो गई. बीजेपी ने दिवंगत सांसद सांवर लाल जाट के बेटे राम स्वरूप लांबा को नसीराबाद सीट से और दिवंगत पूर्व राज्य मंत्री दिगंबर सिंह के बेटे शैलेश सिंह को डीग-कुम्हेर निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया गया है.


उन्होंने इससे पहले अजमेर से लोकसभा उपचुनाव भी लड़ा था और कांग्रेस के रघु शर्मा से 80,000 वोटों के अंतर से हार गए थे. बीजेपी ने देवली-उनियारा सीट से गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला को मैदान में उतारा है. पूर्व सांसद और पूर्व जयपुर राजपरिवार की सदस्य गायत्री देवी की पोती दीया कुमारी को विद्याधर नगर से टिकट दिया गया है. पूर्व सांसद करणी सिंह की पोती सिद्धि कुमारी को बीकानेर ईस्ट सीट से टिकट दिया गया है. 


दीप्ति माहेश्वरी को राजसमंद से टिकट
बीजेपी ने पूर्व विधायक हरलाल सिंह खर्रा के बेटे झाबर सिंह खर्रा को श्रीमाधोपुर से मैदान में उतारा है. पूर्व विधायक धर्मपाल चौधरी के बेटे मंजीत चौधरी को मुंडावर से टिकट दिया गया है. पूर्व सांसद नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा को नागौर से चुनावी मैदान में उतारा गया है. विधायक गौतम लाल मीणा के बेटे कन्हैया लाल मीणा धरियावद से चुनावी ताल ठोकते नजर आएंगे. पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी को राजसमंद से टिकट दिया गया है. साथ ही विधायक श्रीराम भींचर की पुत्रवधु सुमिता को मकराना सीट से टिकट दिया गया है.


सरदारशहर से अनिल शर्मा को मैदान में
बीजेपी की तरह ही सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले कई लोगों को मैदान में उतारा है. इनमें से अधिकांश ने 2018 का चुनाव भी जीता था. कांग्रेस ने नोखा से पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की पत्नी सुशीला डूडी को टिकट दिया है. सरदारशहर से पूर्व विधायक भंवर लाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को मैदान में उतारा गया है. झुंझुनू से पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के बेटे बृजेंद्र ओला को टिकट दिया गया है. रामगढ़ से मौजूदा विधायक सफिया खान के पति जुबेर खान को मैदान में उतारा गया है. पूर्व विधायक बिरदीचंद जैन के रिश्तेदार मेवाराम जैन को बाड़मेर से टिकट दिया गया है.


मनोज मेघवाल सुजानगढ़ से लड़ेंगे
वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री भंवर लाल मेघवाल के बेटे मनोज मेघवाल को सुजानगढ़ से मैदान में उतारा है. यही नहीं कांग्रेस ने मंडावा से पूर्व विधायक रामनारायण चौधरी की बेटी रीटा चौधरी को टिकट दिया है. सवाई माधोपुर से पूर्व राज्यसभा सांसद अबरार अहमद के बेटे दानिश अबरार को मैदान में उतारा गया है. टोंक से पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट चुनावी ताल ठोकेंगे. डेगाना से पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा के बेटे विजयपाल मिर्धा को टिकट दिया गया है. पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की बेटी दिव्या मदेरणा को ओसियां सीट से टिकट दिया गया है.


कांग्रेस ने लूणी सीट से पूर्व मंत्री मलखान बिश्नोई के बेटे महेंद्र बिश्नोई और वल्लभनगर से पूर्व मंत्री गुलाब सिंह शक्तावत की बहू प्रीति शक्तावत को मैदान में उतारा है. बता दें की बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही राजनीति में वंशवाद के खिलाफ बातें करते रहे हैं. गौरतलब है कि साल 2018 में बीजेपी ने 78 सीटें और कांग्रेस ने 96 सीटें जीती थीं.


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