Rajasthan Election 2023: भरतपुर शहर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में असमंजस, जानें क्या है वजह?
Rajasthan Politics: राजस्थान में 6 नवंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है. जिन सीटों पर सियासी दलों ने उम्मीदवारों का नाम कंफर्म नहीं किया, उन्हें टिकट मिलने पर तैयारी के लिए कम समय मिलेगा.
Rajasthan Assembly Election 2023 News: राजस्थान विधानसभा चुनाव में सियासी दलों ने अधिकतर सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया गया है. सभी प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. जिले की कई विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है. भरतपुर शहर विधानसभा सीट पर दोनों ही प्रमुख सियासी दल कांग्रेस और बीजेपी ने अभी तक प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है. भरतपुर विधानसभा सीट पर दोनों ही पार्टियां जातिगत समीकरण को जोड़ने में जुटी हैं. 6 नवंबर को प्रदेश में नामांकन की आखरी तारीख है.
नामांकन में इतना समय होने के बाद कहा जा रहा है कि दोनों ही प्रमुख दल जिसको अपना प्रत्याशी बनाएंगी, उसको चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए बहुत कम वक्फा मिलेगा. भरतपुर और डीग जिले में कुल 7 विधानसभा सीटें है. भारतीय जनता पार्टी ने 6 सीट पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, एक मात्र भरतपुर शहर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. कांग्रेस ने यहां की 7 विधानसभा सीट पर अधिकतर पर पूर्व प्रत्याशियों को उम्मीदवारों बनाया है. कांग्रेस ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले 5 विधायकों पर दोबारा भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है.
'कांग्रेस भी असमंज का शिकार'
वर्तमान में कांग्रेस पार्टी भरतपुर जिले की हजरतपुर शहर और डीग जिले की कामां विधानसभा सीट पर उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन था. साल 2018 में भरतपुर शहर विधानसभा सीट से गठबंधन के उम्मीदवार डॉ शुभाष गर्ग राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. इस बार देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन होगा या नहीं, यही वजह है कि भरतपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर पाई है.
बीजेपी और कांग्रेस में विद्रोह का डर
कामां विधानसभा सीट पर विधायक जाहिदा खान का कुछ लोग विरोध करते हुए दिल्ली तक पहुंच गए थे, इसलिए कामां विधानसभा सीट पर भी अभी तक किसी प्रत्याशी के नाम का एलान नहीं हुआ है. भरतपुर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट के लिए कई दावेदार ताल ठोंक रहे हैं. टिकट काटने के बाद होने वाले विरोध को देखते हुए अभी भारतीय जनता पार्टी भी भरतपुर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी के नाम का एलान नहीं किया है.
'जातीय समीकरण पर बीजेपी में असमंजस'
भरतपुर विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण को देखते हुए बीजेपी असमंजस में है कि यहां से किसे टिकट दिया जाए. भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक जाट मतदाता हैं, उसके बाद ब्राह्मण समाज के मतदाता आते हैं. इन दोनों के बाद वैश्य समाज के मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं. तीनों ही समाज के लोग यहां से अपने समाज का प्रत्याशी चाहते हैं. बीजेपी के पूर्व विधायक विजय बंसल अभी पार्टी से निष्कासित हैं, हालांकि वो टिकट की दौड़ में बने हुए है और गिरधारी तिवारी भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं.
'जाट वोटर्स को लेकर उदय सिंह भी कर रहे हैं दावेदारी'
गिरधारी तिवारी पहले 2 बार निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं. जाट समाज से उदय सिंह भी बीजेपी के टिकट के लिए ताल ठोक रहे हैं. उनका कहना है कि भारतपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक लगभग 80 हजार जाट मतदाता हैं, इसलिए टिकट उनको मिलना चाहिए. जातीय समीकरण और हार जीत के सकारात्मक पक्ष को देखते हुए, देखने वाली बात ये होगी कि बीजेपी यहां से किसे अपना प्रत्याशी घोषित करती है.
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