Rajasthan Election: बहुसंख्यक होने के बावजूद यहां जाट नेता को नहीं मिलता टिकट, क्या है जोधपुर की सबसे बड़ी विधानसभा सीट का समीकरण?
Rajasthan Elections 2023: लूणी विधानसभा सीट पर पिछले कुछ चुनाव से एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस को जीत हासिल होती है. इस विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख से भी अधिक वोटर हैं.
Rajasthan Assembly Elections 2023: जोधपुर जिले की 10 विधानसभा सीटों में से लूणी विधानसभा सीट राजनीतिक पार्टीयों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. जोधपुर शहर के तीन और फैली यानि U आकर की जिले की सबसे बड़ी विधानसभा सीट मानी जाती है. लूणी विधानसभा का क्षेत्रफल की दृष्टि से जिले की अन्य सीटों से बड़ा क्षेत्रफल है. लूणी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता भी अधिक है. इस लूणी विधानसभा सीट को परंपरागत कांग्रेस व विश्नोई की सीट मानी जाती हैं. लूणी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के लिए चुनोती यह है कि सीट को बचाना वहीँ बीजेपी लूणी की सीट कांग्रेस से यह छीनने की कोसिस में जुटी हुई है.
ये हैं यहां के मुद्दे
जोधपुर की लूणी विधानसभा सीट शहर के नजदीक होने के कारण ग्रामीण खेती का काम कम करते हैं. साथ ही इस क्षेत्र में इंडस्ट्रीज आने से सबसे बड़ी समस्या कूड़ा कचरे के साथ ही शहर की सीवरेज की सभी लाइने जोजरी नदी में डाली गई है. ट्रीटमेंट प्लांट भी अधिकतर समय बंद रहता है. प्रत्येक विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा गरमाया हुआ रहता है. जोजरी नदी से निकलने वाला गंधा केमिकल युक्त पानी से खेतों में फैल जाने से जमीन बंजर हो चूंकि है. लूणी विधानसभा क्षेत्र के 40 से अधिक गांवो पर जोजरी नदी असर डालती है. सरकार ने इसको लेकर आज दिन तक कोई स्थाई समाधान नहीं किया है.
जातिगत समीकरण
लूणी विधानसभा सीट जातिगत वोटों का दबदबा रहता हैं. लूणी विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख से भी अधिक वोटर है. 36 कौम के लोग इस लूणी विधानसभा क्षेत्र में अपना वर्चस्व रखते हैं. सबसे अधिक जाट 54 हजार मतदाता है. दूसरे नंबर पर पटेल 48 हजार मतदाता है. तीसरे नंबर पर विश्नोई 30 से 35 हजार मतदाता हैं. एससी-एसटी-75 माली, प्रजापत, राजपूत, राजपुरोहित, मूल ओबीसी, स्वर्णकार, गोस्वामी, गुर्जर, सहित अन्य जाति के मतदाता है.
नहीं मिलता जाट नेता को टिकट
लूणी विधानसभा क्षेत्र में लूणी की इस विधानसभा सीट पर पिछले कुछ चुनाव से एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस को जीत हासिल होती है. खासतोर से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की ओर से किसी जाट को टिकट नहीं दिया जाता है. जो कि लूणी विधानसभा क्षेत्र में जांच मतदाता सबसे अधिक हैं. जाट मतदाता निर्दलीय व तीसरे मोर्चे से अपनी किस्मत आजमाते हैं. वही लूणी विधानसभा क्षेत्र में तीसरे मोर्चे का उम्मीदवार दोनों ही पार्टियों को चुनौती देते है.
ऐसे रहे अब तक के नतीजे
1957-पूनम चंद बिश्नोई
1962-स्वरूप सिंह
1967-पूनम चंद बिश्नोई
1972-राम सिंह बिश्नोई
1977-राम सिंह बिश्नोई
1980-राम सिंह बिश्नोई
1985-राम सिंह बिश्नोई
1990-राम सिंह बिश्नोई
1993-जसवन्त सिंह बिश्नोई
1998-राम सिंह बिश्नोई
2003-राम सिंह बिश्नोई
2003-जोगाराम पटेल
2008-मलखान सिंह बिश्नोई
2013-जोगाराम पटेल
2018-महेंद्र बिश्नोई
ये नेता पेश कर रहे दावेदारी
कांग्रेस पार्टी में टिकट के उम्मीदवार लूणी विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक महेंद्र सिंह विश्नोई, संगीता बेनीवाल, श्रवण पटेल, श्याम खीचड़, विजयलक्ष्मी पटेल सहित अन्य अपना दावा पेश कर रहे है. भारतीय जनता पार्टी के लूणी विधानसभा सीट से टिकट के उम्मीदवार पूर्व विधायक जोगाराम पटेल, पूर्व सांसद जसवंत सिंह विश्नोई, किसान नेता छेलाराम सारण, केरु प्रधान अनुश्री पूनिया, अरविंद बर्रा व अन्य अपना दावा पेश कर रहे है.
जाट और बिश्नोई समाज आमने सामने
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस बीजेपी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आम आदमी पार्टी सहित अन्य दल अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे लूणी विधानसभा सीट पर निर्णायक वोटर के रूप में सबसे अधिक जाट वोट बैंक रहता है. लूणी विधानसभा क्षेत्र के पूनियों की प्याऊ क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण व वहां लगे पेड़ पौधों को हटाने को लेकर जाट और बिश्नोई समाज के लोग आमने-सामने हो गए थे. बड़ा बवाल होने के कारण पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े. इस घटना के बाद दोनों ही समाज में नाराजगी देखी जा रही है.
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