Rajasthan Election 2023: बीजेपी के दो लोकसभा सदस्यों ने कानून-व्यवस्था को लेकर अशोक गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला है. राजसमंद से सांसद दीया कुमारी (Diya Kumari) ने कहा कि राजस्थान को शर्मसार होना पड़ा है. डूंगरपुर में 6 बच्चियां से एक साथ रेप की घिनौनी वारदात का शिकार हुईं. प्रिंसिपल लगातार बच्चियों से दुष्कर्म करता रहा. राजस्थान में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. अभी हाल ही में बालोतरा में एक महिला को जिंदा जलाया गया है. राजस्थान के किसी भी हिस्से की बात करते हैं तो वहां पर रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं. 


दीया कुमारी ने कहा कि राजस्थान महिला अत्याचार में नंबर वन है. महिलाओं और बच्चियों के प्रति जिस तरह से गहलोत सरकार लापरवाही बरत रही है, वह बहुत ही निंदनीय है. आरोपी प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया, लेकिन वहां के अधिकारियों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. राजस्थान में कांग्रेस सरकार को किसी का भी डर नहीं है. विधायक कांग्रेस के चाहे हारे हुए हों चाहे जीते हुए, अपने-अपने विधानसभा जिलों में मुख्यमंत्री बनकर बैठे हैं.


'महिलाओं की एफआईआर दर्ज नहीं हो रही' 
दीया कुमारी का कहना है कि साल 2018 में राजस्थान की क्या स्थिति थी और आज क्या स्थिति है, बड़े शर्म की बात है. मैं स्वयं महिला हूं और सभी महिला बहनों से यही कहना चाहती हूं कि जहां देश आईटी या अन्य सभी क्षेत्रों में तरक्की कर रहा है, वहीं उसके विपरीत राजस्थान की दुर्दशा बद से बदतर होती जा रही है. आज राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. महिलाएं जब एफआईआर दर्ज कराने जाती हैं तो उनकी सुनवाई नहीं होती. यह बहुत ही शर्म की बात है पिछले साढ़े चार साल से हमारे सामने केवल एक पिक्चर चल रही है- कुर्सी का खेल. कुर्सी एक है और दावेदार दो. ये लोग जनता को भूल कर कुर्सी की लड़ाई में लगे हुए हैं.


'महिलाओं के प्रति संवेदनशील होकर एक मुहिम चलानी है'
सांसद जसकौर मीणा ने कहा, 'हम सबको महिलाओं के प्रति संवेदनशील होकर एक मुहिम चलानी है. डूंगरपुर में हुई घटना के आरोपी प्रिंसिपल को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए.  राजस्थान में 2022 में 7093 दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं. बाकी ऐसे कितने मामले होंगे जो रिकॉर्डेड नहीं है. लेकिन किसी भी अपराधी के ऊपर कानून का डंडा नहीं चला इस कारण अपराधी निर्भीक और निडर होकर होकर दुष्कर्म की घटनाएं करते हैं.


आज राजस्थान का आलम है- अपराधियों में विश्वास आमजन में भय. उन्होंने कहा कि बालोतरा की घटना आश्चर्यजनक है, जिसमें महिला के ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डाला गया और एफ़आइआर करने से भी रोका गया. पीड़िता का इलाज भी वहां नहीं हुआ, उसे जोधपुर रेफर करना पड़ा. इससे ज्यादा प्रशासनिक लापरवाही और सरकार की अकर्मण्यता महिलाओं के प्रति कभी नहीं देखी है, जो बहुत ही चिंताजनक और निंदनीय है. 


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