Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान (Rajasthan) में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होनें हैं. अक्टूबर में आचार संहिता भी लग सकती है. ऐसे में सभी पार्टियां एक-एक सीट को बारीकी से देख रही हैं. उदयपुर (Udaipur) शहर विधानसभा की बात की तो सभी पार्टियां जानती हैं कि ये बीजेपी का गढ़ है. पिछले चार चुनाव से यहां बीजेपी ही जीतती आ रही है. इसी कारण यह सीट कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर अब तक कई प्रयोग किए, लेकिन उसे यहां हार का ही सामना करना पड़ा. यहां तक कि पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को भी उतार दिया, लेकिन सफलता नहीं मिली. वहीं इस बार कांग्रेस इस बार भी कोशिश कर रही है कि वो बीजेपी की पटकनी दे.
उदयपुर शहर विधानसभा में अंतिम कांग्रेस विधायक त्रिलोक पुरबिया बने थे. वो साल 1998 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद यहां से विधायक बने थे. इसके बाद साल 2003 से 2018 तक गुलाब चंद कटारिया यहां से विधायक बने, जो वर्तमान में असम के राज्यपाल हैं. उदयपुर शहर विधानसभा से बीजेपी की इस लगातार जीत को राजनीतिक विश्लेषक नगर परिषद और फिर बने नगर निगम के चुनाव को भी देते हैं, क्योंकि पिछले छह टर्म से नगर निगम में बीजेपी का ही बोर्ड बनाता आ रहा है. इसी कारण बीजेपी की यहां लगभग हर वर्ग, हर कॉलोनी, हर कस्बे में पैठ है. साथ ही कद्दावर नेता रहे गुलाब चंद कटारिया की पकड़ भी उदयपुर शहर में मजबूत रही है.
पिछले नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने बनाई बढ़त
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नगर निगम के पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सालों बाद बढ़त बनाई थी. साथ ही अभी बीजेपी यहां बिखराव की स्थिति में है. वहीं कांग्रेस इसका फायदा उठाने ने लगी हुई है. दरअसल, कांग्रेस पार्टी कभी भी यहां नगर निगम चुनावों में 20 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाई थी. साल 2019 में नगर निगम के चुनाव हुए, जिसमें 70 सीटों में 44 बीजेपी, 20 कांग्रेस ने और 6 अन्य सदस्य थे. पहली बार ऐसा हुआ कि यहां 20 सीटें कांग्रेस ने जीती. वहीं बीजेपी में यहां बीखराव नजर आ रहा है, क्योंकि उदयपुर में बीजेपी के कद्दावर नेता रहे गुलाब चंद कटारिया अब एक्टिव पॉलिटिक्स से दूर हो हो गए हैं. वो अब असम के राज्यपाल हैं. ऐसे ने अभी यहां बीजेपी की वैसी लीडरशिप नहीं है. इसलिए यहां कांग्रेस को उम्मीद जगी है.