Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में चुनावी हलचल तेज हो गई है. ऐसे में प्रदेश की दो मुख्य पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भीलवाड़ा के दौरे के दौरान यहां की विधानसभा सीट को कांग्रेस की झोली में डालने की अपील की. यहां सभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि भीलवाड़ा शहर को क्या श्राप लग गया, जहां कांग्रेस को आशीर्वाद नहीं मिलता. उन्होंने लोगों से कहा कि इस चुनाव में भीलवाड़ा शहर समेत सभी सीटें कांग्रेस को दे दें तो क्रांति आ जाएगी.


1998 से नहीं जीती कांग्रेस
वहीं भीलवाड़ा विधानसभा में हुए चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 1952 से लेकर अब तक 16 चुनाव हो चुके हैं. इसमें एक उपचुनाव था. इसमें नौ बार बीजेपी और सात बार कांग्रेस जीती है. 1998 के बाद भीलवाड़ा विधानसभा में कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं जीता है. इस चुनाव में देवेंद्र सिंह की जीत हुई थी. उधर, पिछले तीन चुनावों से शहर में बीजेपी के विठ्ठलशंकर अवस्थी इकलौते विधायक हैं.


भीलवाड़ा विधानसभा सीट पर शहर में प्रत्याशी चयन भी एक बड़ा कारण रहा है. शुरुआत में कांग्रेस ने ब्राह्मण उम्मीदवार को चेहरा बनाया, बाद में बीजेपी ने यह काम शुरू किया जिसके चलते तीन विधानसभा चुनावों से एक ही चेहरा अब तक सीट पर बीजेपी की ओर से काबिज हैं. 


भीलवाड़ा विधानसभा में इस समाज का दबदबा
भीलवाड़ा शहर में लगभग 2 लाख वोटर में से सबसे ज्यादा ब्राह्मण समुदाय के मतदाताओं की संख्या करीब 70 हजार है. इसमें बीजेपी का वोट मार्जिन लगातार बढ़ रहा है. हार का अंतर 2003 में 15677 था जो पिछले चुनाव में बढ़कर 49578 हो गया, जबकि कांग्रेस गुटबाजी की शिकार होने से कांग्रेस के अनिल दांगी की जमानत जब्त हो गई. 


भीलवाड़ा विधानसभा सीट राजस्थान की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार जीत दर्ज की थी. इस बार भीलवाड़ा विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है ,


लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रचा था इतिहास
भीलवाड़ा विधानसभा सीट भीलवाड़ा के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं. सुभाष चंद्र बहेरिया, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं. उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस के रामपाल शर्मा को 612000 से हराया था.


ऐसे रहा 2018 का परिणाम
भीलवाड़ा विधानसभा सीट पर 2018 में कुल 17 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाई थी.  जहां बीजेपी के वर्तमान विधायक विठ्ठल शंकर अवस्थी ने निर्दलीय उम्मीदवार ओमप्रकाश नरानीवाल को 49578 वोटों से शिकस्त दी है. वहीं कांग्रेस के अनील डांगी तीसरे स्थान पर रहे. भीलवाड़ा सीट से बीजेपी के विठ्ठल शंकर अवस्थी को 93198, निर्दलीय ओमप्रकाश नरानीवाल को 43620 और कांग्रेस के अनिल डांगी को 18941 वोट मिले.


7 हैं विधानसभा सीटें
भीलवाड़ा जिले में कुल 7 विधानसभा सीट- मांडल, सहाड़ा, भीलवाड़ा, शाहपुरा, जहाजपुर, मांडलगढ़ और आसींद है, जिसमें जहाजपुर और मांडलगढ़ सीट पर कांग्रेस और बाकी की सभी 5 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.


अलग अलग नामों से पहचान रखता है भीलवाड़ा
भीलवाड़ा जिले की बात करें तो इसे वस्त्र नगरी, अभ्रक नगरी, राजस्थान का मैनचेस्टर, टैक्सटाइल शहर आदि नामों से जाना जाता है. कभी भीलवाड़ा में सिक्के ढालने की टकसाल थी जिसमें ‘भिलाड़ी’ नामक सिक्के ढाले जाते थे. इसलिए इस क्षेत्र का नाम भीलवाड़ा पड़ा. भीलवाड़ा की सीमा उत्तर में अजमेर, पूर्व में बूंदी और टोंक, पश्चिम में राजसमंद और दक्षिण में चित्तौड़गढ़ से सटी है.


(भीलवाड़ा से सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट)


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