Rajasthan Elections 2023: गुटबाजी के बीच BJP की क्या है मेवाड़ जीतने की तैयारी? जिला अध्यक्ष ने खुलकर रखी बात
Rajasthan Election 2023: BJP में आपसी खींचतान के बीच राजस्थान के महत्वपूर्ण मेवाड़ में को कैसे फतह किया जाएगा? इसको लेकर जिलाध्यक्ष रवीन्द्र श्रीमाली ने अपनी बात रखी. उन्होंने रणनीति के बारे में बताया.
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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 200 सीटों पर क्षेत्र के अनुसार राजनीति की गणित चल रही है. मेवाड़ की बात करे तो यहां भाजपा नेताओं के बीच आपसी मतभेद या कहें गुटबाजी की चर्चाएं सामने आई है. यहां तक कि उदयपुर बीजेपी सांसद अर्जुन लाल मीणा (Arjun Lal Meena) खुले मंच से भाजपा के अंदर गुटबाजी की बात कही थी.
चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं और ऐसी स्थिति में बीजेपी का जो मेवाड़ में वर्चस्व है वह कायम रखने के लिए क्या-क्या तैयारिया की जा रही है इसको लेकर मेवाड़ के हेडक्वॉर्टर उदयपुर जिले के भाजपा अध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली (Ravindra Shrimali) से बात की तो उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी.
मेवाड़ फतह के लिए क्या तैयारियां?
उदयपुर जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली ने बताया कि जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी का संगठन है वह बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं मेहनत करते हैं. बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए जा चुके हैं कि पार्टी अब चुनावी मोड में आ चुकी है. इसलिए जिस प्रकार से उदयपुर में 30 जून को गृहमंत्री अमित शाह का दौरा होने जा रहा है वह लोकसभा स्तर का सम्मेलन है. भाजपा में लोकसभा, जिला स्तर से लेकर मंडल, बूथ स्तर और कार्यकर्ताओं का सम्मेलन करवाया जा रहा है.
रिपोर्ट आ रही है कि कार्यकर्ता भी अपने दायित्व का बेहतर निर्वहन कर ऐसे सम्मेलन कर रहे हैं जिसमें लोगों लोगों से सीधा संवाद किया जा रहा है. इसमें गहलोत सरकार का साढ़े 4 साल का कुशासन और केंद्र के साल के बारे में बताया जा रहा है. अभी भी मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 30 दिन का राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम हर जगह चल रहा है. जिसमें केंद्र की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जन-जन को बता रहे हैं और कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं.
गहलोत सरकार की मेवाड़ में एक के बाद एक घोषणाएं, क्या है जनता का रुख
जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली ने बताया कि सरकार साढ़े चार साल तक कह थी, तब मेवाड़ की याद नहीं आई. या फिर राजस्थान में भी क्या काम किया. अब जब चुनाव नजदीक है तो सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए रेवड़ियां बांटी जा रही है. जनता समझदार है और सब देख-समझ रही है. पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरागई, प्रदर्शन हुए फिर भी कुम्भकर्णीय नींद में सरकार सोई रही.
इन रेवड़ियों से जनता को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. क्योंकि अभी आए लाइट के बिलों में 6 माह का फ्यूल सरचार्ज जोड़ दिया. एक तरफ बिजली मुफ्त के गारंटी कार्ड बांट रही है सरकार और दूसरी तरफ चार्ज लगाकर दो गुना बिल दे रही. जनता त्राहि कर रही है. इन मौखिक रेवड़ियों के कुछ नहीं होने वाला.
बीजेपी नेताओं में आपसी मतभेद के बीच कैसे होगा मेवाड़ फतह
इस सवाल पर जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली ने कहा कि पार्टी से जो काम मिला है वह सब मिलकर पूरा कर रहे हैं. इसमें किसी प्रकार से किसी के भी ना तो मतभेद है और ना ही मनभेद है. इसलिए जो भी काम मिल रहा है उसे हर कार्यकर्ता मन से पूरा कर रहे हैं. कई चीजें ऐसी भी होती है जो मनघड़ंत पैदा हो जाती है. पार्टी एकजुट रही है और आगे भी एकजुट रहेगी. एक ही लक्ष्य है कि मेवाड़ में पार्टी को विजय बनाए.
साथ ही असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के यहां से जाने के बाद मेवाड़ की प्रमुख उदयपुर सीट का अगला उम्मीदवार कौन होगा इसकी भाजपा में खींचतान चल रह है. इस पर रविन्द्र श्रीमाली ने कहा कि पार्टी में कभी भी भितरघात नहीं किया जाता. सभी के मन में एक ही बात है कि किसी को भी टिकट मिले, सभी उसके कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलेंगे और जिताएंगे.
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