Rajasthan Assembly Election 2023 News: राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार (9 नवंबर) को आखरी दिन था. विधानसभा चुनाव के लिए कई लोगों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें वो लोग भी शामिल थे, जिन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी से टिकट लेकर चुनावी मैदान में उतरे थे.
भरतपुर जिले की भरतपुर शहर विधानसभा सीट से बीजेपी से बगावत कर गिरधारी तिवारी ने 6 अक्टूबर को निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन दाखिल किया था. गुरुवार (9 नवंबर) को गिरधारी तिवारी ने अपना नामांकन वापस ले लिया. गिरधारी तिवारी की बगावत के बाद बीजेपी नेताओं ने उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन गिरधारी तिवारी ने बीजेपी नेताओं से मिलने से मना कर दिया था.
'प्रदेश को बीजेपी की जरुरत'
नाम वापसी पर गिरधारी तिवारी ने बताया कि ''केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व का ये आदेश था कि आप पार्टी के खिलाफ कोई ऐसा कदम नहीं उठाएं, जिससे ऐसी चीजों को बढ़ावा मिले जो राष्ट्र विरोधी हों.'' उन्होंने कहा, ''प्रदेश को बीजेपी की जरुरत है. 5 साल से प्रदेश में कांग्रेस की जन विरोधी सरकार काबिज है. राजस्थान में लूट का खेल हुआ है. दलितों, महिलाओं, किसानों पर अत्याचार हुए हैं. कांग्रेस ने लोगों से झूठे वादे किए."
कांग्रेस पर गिरधारी तिवारी ने लगाए ये आरोप
गिरधारी तिवारी ने कहा, ''राजस्थान में इस दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ गई है, भरतपुर में कई मर्डर हुए. तीन दलालों ने भरतपुर को लूटा. रीट में चीट का खेल हुआ. कब्रिस्तान जमीन में घोटाला हुआ. नगर निगम में फर्जी पट्टे बनाये गए.'' उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ''सीएफसीसीडी के लिए 2 सौ करोड़ का लोन लिया गया. नगर निगम और यूआईटी को दिवालिया बना दिया. इन सभी चीजों से मुक्ति के लिए बीजेपी की जरूरत है.'' नामांकन वापसी को लेकर गिरधारी तिवारी ने कहा, ''बीजेपी द्वारा आश्वासन दिया गया है कि आपको मान सम्मान मिलता रहेगा. जिसके बाद मैंने अपना नामांकन वापस लेने का फैसला किया है.
गिरधारी तिवारी ने लगाया था धोखा देने का आरोप
गौरतलब है कि भरतपुर विधानसभा सीट पर गिरधारी तिवारी ने टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनावी मैदान में उतरे थे. उनके द्वारा विगत दिनों सर्व समाज की बैठक कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया गया था. इस दौरान गिरधारी तिवारी ने आरोप लगाया था कि ''मेरे साथ भारतीय जनता पार्टी ने धोखा किया है. मुझे टिकट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आखिरी समय में टिकट मुझे न देकर विजय बंसल को दिया. जिसके बाद सर्व समाज ने निर्णय लिया है कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए, इसलिए मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा. वहीं नामांकन वापस लेने आखरी दिन गिरधारी तिवारी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करते हुए अपना पर्चा वापस ले लिया.''
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