Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राजस्थान को गारंटी दिए जाने पर कटाक्ष करते हुए बुधवार को सवाल उठाया कि मोदी क्या गारंटी दे रहे हैं और वह तो 23 नवंबर के बाद पांच साल तक राजस्थान आएंगे ही नहीं. इसके साथ ही गहलोत ने दावा किया कि राज्य के विधानसभा चुनाव में 'जादू' चलेगा और मतगणना के दिन साफ हो जाएगा कि कौन 'छूमंतर' होगा. गहलोत ने बुधवार को एक साक्षात्कार में 'लाल डायरी' के मुद्दे को 'बकवास' करार देते हुए कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आरोपों में कोई दम है तो इस डायरी को प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग या सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए.


एक बर्खास्त मंत्री ने आरोप लगाया था कि लाल डायरी में गहलोत सरकार की कथित वित्तीय अनियमितताओं का विवरण है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में गहलोत पर कटाक्ष करते हुए कहा है, ‘‘कुछ लोग यहां खुद को जादूगर कहते हैं....’’ प्रधानमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘जादू चलेगा. वो कहते हैं कि (कांग्रेस) 'छू मंतर' हो जाएगी लेकिन (हम) बताएंगे कि 'छू मंतर' कौन होगा.’’ राजनीतिक गलियारे में गहलोत को 'जादूगर' कहा जाता है.


उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड को चुनावी मुद्दा बनाने की बीजेपी की कोशिश पर पलटवार करते हुए गहलोत ने दावा किया कि आरोपियों के संबंध बीजेपी से थे और आरोपियों को अब तक फांसी हो जानी चाहिए थी 'लेकिन राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा की जा रही जांच में देरी हुई क्योंकि राज्य में चुनाव आ रहे थे.’’


मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि (जांच) में देरी इसलिए हुई क्योंकि चुनाव आ रहे थे, और वे (बीजेपी वाले) इसके बारे में बोलते रहेंगे. यही कारण है कि एनआईए उस तरह से आगे नहीं बढ़ रही है जिस ढंग से बढ़ना चाहिए था, इसी वजह से मुझे शक है.’’ गहलोत ने कहा कि इस मामले के आरोपियों को पुलिस ने पहले एक अलग मामले में पकड़ा था लेकिन बीजेपी के लोगों ने उन्हें थाने से छुड़ा लिया. उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने दो घंटे में गिरफ्तार कर लिया था लेकिन एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया.


मुख्यमंत्री ने कहा कि उस घटना के बाद उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी और कांग्रेस के नेतागण मिलकर काम करेंगे ताकि राज्य में कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हो और हालात नियंत्रण में रहें. गहलोत ने कहा कि उन्होंने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए और पीड़ित के घर गए. वहीं बीजेपी नेताओं ने हैदराबाद में अपने सम्मेलन में भाग लेने को वरीयता दी.


उन्होंने कहा कि यह घटना गुलाब चंद कटारिया के विधानसभा क्षेत्र में हुई थी, जो अब असम के राज्यपाल हैं, लेकिन बीजेपी के नेतागण अपने कार्यक्रम रद्द करने के बजाय हैदराबाद चले गए. उन्होंने कहा, ‘‘अब कन्हैया लाल का परिवार कह रहा है कि एनआईए उन्हें नहीं बता रही कि मामले में क्या कार्रवाई हो रही है.'' राज्य के चुनावी परिदृश्य और जमीनी संभावनाओं की चर्चा करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘राज्य की 200 में से करीब 150 सीटों से (चुनाव प्रचार के लिए आने की) मांग आ रही है. मैं कह रहा हूं कि मैं सभी जगह नहीं आ पाऊंगा... आप समझ लीजिए सभी सीटों पर मैं ही चुनाव लड़ रहा हूं.’’


उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय स्तर पर छोटी मोटी कमियां हो सकती हैं... स्थानीय विधायक से शिकायतें हो सकती हैं...राजनीति में स्थानीय मुद्दे होते हैं... लेकिन लोग उनको दरकिनार करते हुए राज्य हित में हमारी कांग्रेस सरकार को रिपीट करें. हमने जो भी काम किया है, आने वाले समय में हम और मजबूती से काम करेंगे, मौजूदा योजनाओं को मजबूत करेंगे और नई योजनाएं लाएंगे.’’


गहलोत ने कहा कि यह विधानसभा चुनाव है, संसद का चुनाव नहीं तो बीजेपी मोदी के चेहरे पर चुनाव क्यों लड़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह चुनाव संसद के लिए नहीं हो रहा, यह विधानसभा के लिए है. उनकी ऐसी दुर्गति क्यों हुई कि उन्हें प्रधानमंत्री के चेहरे पर चुनाव लड़ना पड़ रहा है. यह नौबत क्यों आई?’’


मुख्यमंत्री गहलोत ने महंगाई और ईंधन की ऊंची कीमतों के लिए राजस्थान को जिम्मेदार ठहराने के लिए भी प्रधानमंत्री पर पलटवार किया और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मोदी को राजस्थान में पेट्रोल व डीजल की कीमतों की तुलना उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बजाय बीजेपी शासित मध्य प्रदेश से करनी चाहिए क्योंकि राजस्थान और मध्य प्रदेश की स्थितियां और दृष्टिकोण समान हैं जबकि हरियाणा और पंजाब की स्थिति राजस्थान से अलग हैं.


राजस्थान में अपने प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री बार-बार 'मोदी की गारंटी' की बात कर रहे हैं. इस बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा, ‘‘वह क्या गारंटी दे रहे हैं?... मोदी तो 23 (नवंबर) तक ही हैं यहां आ रहे हैं. उसके बाद पांच साल के लिए प्रधानमंत्री तो आएंगे नहीं यहां. काम तो हम लोगों को करना है यहां राजस्थान के नेताओं को. तो वे किस बात की गारंटी दे रहे हैं?... भड़काने वाली बातें कर रहे हैं.' गहलोत ने कहा कि बीजेपी नेताओं एवं मोदी को राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई गांरटी पर बहस करनी चाहिए.


उन्होंने कहा, ‘‘हमने जो गारंटी दी है उस पर बहस करें. हमने पांच साल में कहां कमी रखी है, हमारी योजनाएं धरातल पर उतरी हैं या नहीं.. उनकी कमियां बताएं... कानून पास किये हैं उनमें क्या कमी है ये बतायें... उस पर बहस ही नहीं हो रही है राजस्थान में.. और जनता चाहती है कि उस पर बहस हो.’’ राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है जबकि मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी. राज्य में चुनाव प्रचार का शोर 23 नवंबर को थम जाएगा.


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