Rajasthan Assembly News: राजस्थान विधानसभा चुनाव के करीब आठ महीने पहले एक सर्वे हुआ है.इसमें प्रदेश के 33 जिलों के लोगों ने अपनी राय दी है.सर्वे प्रदेश के सभी विधानसभा सीटों पर हुआ है.सर्वे में 18 से 23 साल आयु वर्ग के 16.1 फीसदी लोगों ने अपनी राय रखी. इस बार के विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट देने जा रहे आधे से ज्यादा मतदाता अपने विधायक के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं. वहीं 54 फीसदी युवाओं का मानना है मौजूदा विधायक उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं. 


सर्वे के नतीजों के मुताबिक 2018 के विधानसभा चुनाव 44.6 फीसदी महिलाओं ने प्रत्याशी के नाम पर वोट दिया था. वहीं इस बार केवल 14.2 फीसदी महिला वोटर ने ही प्रत्याशी के चेहरे पर वोट देने की बात कही. वहीं पिछले चुनाव में 39.4 फीसदी पुरुष मतदाताओं ने पार्टी के नाम पर वोट दिया था. 


सर्वे में शामिल लोगों से कितने सवाल पूछे गए


इस सर्वे में कुल 10 सवाल पूछे गए. इन सवालों के जवाब पेशा, गांव-शहर,वर्ग और शिक्षा के आधार पर मिले. आइए जानते हैं कि किस पेशा के लोगों को पसंद क्या है. नतीजे बताते हैं कि सरकारी नौकरी वालों के लिए बेहतर प्रशासन तो गृहिणियों की सबसे बड़ी जरूरत बेहतर अस्पताल है. वहीं 13.7 फीसदी सरकारी और 19.29 फीसदी प्राइवेट नौकरी वाले सबसे अधिक सरकारी दफ्तरों से असंतुष्ट हैं.वहीं 19.3 फीसदी व्यापारी भी सरकारी दफ्तरों से असंतुष्ट हैं. वहीं बेरोजगार,गृहिणी, प्रोफेशनल्स भी विधायक से असंतुष्ट हैं. 


प्रदेश के 18.8 फीसदी किसानों की सबसे बड़ी जरूरत फसलों का सही मूल्य है. वहीं 19.5 फीसदी सरकारी नौकरी वाले लोगों को बेहतर प्रशासन और 18 फीसदी गृहणियों की सबड़े बड़ी जरूरत अस्पताल हैं. किसानों को सड़क,बिजली,पानी की सुविधा सही करने वाला चाहिए.


चुना के लिए क्या है महिलाओं की राय


इस सर्वे में जिन महिलाओं की राय ली गई उनमें से 15 फीसदी महिलाएं सरकारी दफ्तरों में और सात फीसदी महिलाएं अस्पतालों में सुधार चाहती हैं.वहीं राजस्थान में साफ छवि वाले प्रत्याशी सर्वे में शामिल लोगों की पहली पसंद हैं. वहीं केवल दो फीसदी लोग ही महिला विधायक चुनना चाहते हैं. वहीं 12.5 फीसदी युवा चेहरों को आगे लाना चाहते हैं. वहीं शहर के 19.8 फीसदी मतदाता बेहतर कानून-व्यवस्था चाहते हैं. वहीं साफ छवि का नेता सबकी प्राथमिकता में है.


महा सर्वे में पूछे गए सभी 10 सवालों में पेशा, गांव-शहर, वर्ग और शिक्षा के आधार पर मिले जवाबों से जानिए कि जनता की राय क्या है? कारोबारी, नौकरीपेशा की पहली पसंद क्या है? एसटी सीटों के साथ-साथ सबसे बड़ी जीत वाली सीटों पर किस पार्टी की क्या स्थिति है?


कहां के लोग किसको वोट देना चाहते हैं


आइए देखते हैं कि निवास स्थान के आधार पर लोगों की राय क्या है. गांव के लोगों के लिए सीएम फेस वोट देते समय मुद्दा ही नहीं है. सर्वे के नतीजे बताते हैं कि ग्रामीण मतदाताओं की पहली जरूरत रोजगार-स्वास्थ्य सुविधाएं हैं. वहीं गांवों में रहने वाले 56.3 फीसदी लोग अपने विधायक से असंतुष्ट नजर आए. गांवों के 27.9 फीसदी लोगों ने कहा कि इस बार वो साफ छवि के प्रत्याशी को अपना वोट देंगे. 


वहीं 57.6 फीसदी शहरी मतदाताओं का कहना थआ कि वे अपने मौजूदा विधायकों से नाराज हैं.वहीं दूसरी ओर सरकारी दफ्तरों से 22.4 फीसदी लोग संतुष्ट नहीं हैं.पिछले चुनाव में गांव के 50.7 फीसदी लोगों ने पार्टी और 43.2 फीसदी शहरी लोगों ने प्रत्याशी को देखकर वोट दिया था. वहीं इस बार के चुनाव में वोट देते समय गांव के 21.72 फीसदी लोगों के लिए रोजगार और शहर के 20.6 फीसदी लोगों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा पहली प्राथमिकता होगी.


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