Rajasthan Assembly Election 2023 News: राजस्थान विधानसभा चुनाव में नामांकन के लिए सोमवार (6 नवंबर) को लास्ट डेट है. भरतपुर जिले से संबंधित विधानसभा सीटों के सभी प्रत्याशियों ने आज सोमवार को अपना-अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन दाखिल करने पहुंचे प्रत्याशियों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली और उपजिला कलेक्टर के कार्यलाय पहुंचे. जहां उन्होंने अपना-अपना नामांकन दाखिल किया. इस दौरान सभी प्रत्याशियों के साथ सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थक और पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद रहे. 


भरतपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुभाष गर्ग ने अपना नामांकन दाखिल किया है. डॉ. सुभाष गर्ग के साथ सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता और पार्टी समर्थक मौजूद रहे. नामांकन के लिए जाते समय उन्होंने शहर के कुम्हेर गेट से रैली की शुरुआत की, जो शहर के मुख्य बाजार कोतवाली, लक्ष्मण मंदिर, जमा मस्जिद, गंगा मंदिर, चौबुर्जा बाजार, मोरी चारबाग, मथुरा गेट और बिजलीघर से होते हुए मिनी सचिवालय पहुंची. इस दौरान उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ढोल की धुनों पर नाचते हुए जमकर नारे लगाए. 


बीजेपी प्रत्याशी ने भी भरा नामांन
नामांकन दाखिल करने जाते समय जगह-जगह लोगों ने कांग्रेस-राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी सुभाष गर्ग का माला पहनाकर स्वागत किया. सुभाष गर्ग के नामांकन में डीग कुम्हेर से कांग्रेस प्रत्याशी विश्वेंद्र सिंह भी मौजूद रहे. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विजय बंसल ने भी आज अपना नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उन्होंने बड़ी संख्या में समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रैली निकालते हुए कार पर सवार होकर मिनी सचिवालय पहुंचे. विजय बंसल के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर आतिशबाजी भी की.


इससे पहले बीजेपी प्रत्याशी विजय बंसल भरतपुर विधानसभा से 3 बार विधायक रह चुके हैं. विजय बंसल पर नगर निगम के मेयर चुनाव में पार्षदों को दूसरे खेमे में भेजने का आरोप लगा था. जिसके बाद वह 44 महीने तक पार्टी से निष्कासित रहे. बीजेपी ने अब उनको विधानसभा का टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा गया है.  


बीजेपी के बागी नेता ने निर्दलीय भरा नामांकन 
भारतीय जनता पार्टी के बागी गिरधारी तिवारी ने भी आज निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. गिरधारी तिवारी पहले भी दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन कुछ साल पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे और टिकट पाने की होड़ में लगे थे. हालांकि बीजेपी ने गिरधारी तिवारी के ऊपर विजय बंसल को तरजीह दी और यहां से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. टिकट न मिलने से निराश गिरधारी तिवारी ने बीजेपी पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए निर्दलयी पार्टी के रुप में नामांकन दाखिल किया है. 


कांग्रेस के बागी नेता भरेंगे बीएसपी से हुंकार
टिकट नहीं मिलने से कांग्रेस नेताओं में नाराजगी देखी गई. कांग्रेस पार्टी के दो बार जिला अध्यक्ष रहे और नदबई विधानसभा सीट से दो बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके गिरीश चौधरी ने पार्टी का दामन छोड़ दिया. गिरीश चौधरी ने कांग्रेस का साथ छोड़कर बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. बीएसपी ने इस बार गिरीश चौधरी को भरतपुर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है, जिसके बाद उन्होंने भी आज यहां से नामांकन दाखिल किया. 


जातीय समीकरण के क्या हैं मायने?
चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद सबकी नजरें यहां के सियासी उठापटक पर टिकी हैं. इस सीट पर जातीय समीकरण भी बहुत मायने रखते हैं. भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 30 हजार वैश्य समाज के मतदाता है. डॉ. सुभाष गर्ग और विजय बंसल दोनों ही वैश्य समाज से आते हैं. गिरधारी तिवारी ब्राह्मण समाज से आते हैं. भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 35 हजार ब्राह्मण समाज के मतदाता आते है. कांग्रेस छोड़ बीएसपी में शामिल होने गिरीश चौधरी जाट समाज से ताल्लुक रखते हैं.


जाट मतदाता की भूमिका निर्णायक
भरतपुर विधानसभा सीट पर जाट मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका अदा करते हैं, यहां कुल 80 हजार जाट समाज के मतदाता है. इस सीट से जाट समाज से ताल्लुक रखने डॉ. मोहन सिंह भी चुनाव में ताल ठोकेंगे, उन्हें जननायक जनता पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. मोहन सिंह ने भी सोमवार को यहां से भरतपुर सीट से नामांकन दाखिल किया. जाट मतदातों सहित दूसरे लोगों को अपने पाले में रखने वाले उम्मीदवार को ही यहां से कामयाबी मिलेगी. ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी बीजेपी और कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं.


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