Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा की ऐसी सीट जहां कांग्रेस का रहा दबदबा, ऐसे रहे अब तक के नतीजे, जानें- समीकरण
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान की इस विधानसभा सीट पर अब तक हुए चुनाव में एक सिर्फ एक बार जनता पार्टी, एक बार बीजेपी और एक बार ही निर्दलीय प्रत्याशी को जीतने का मौका मिला है.
Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है. वहीं इस चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों प्रमुख दल भरतपुर संभाग में अपनी जमीन मजबूत करने में जुट गए हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सात महीने में सात बार भरतपुर आ चुके हैं. वहीं इस संभाग की एक ऐसी सीट है जहां कांग्रेस का दबदबा रहा है.
दरअसल, सीएम अशोक गहलोत साल 2018 में भरतपुर संभाग में कांग्रेस को मिली जीत को फिर से दोहराने की कोशिश में लगे हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी का भी फोकस पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग पर है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी तीन महीने में 3 बार भरतपुर का दौरा कर संगठन को मजबूत करने में लगे है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित कर चुके हैं. उसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी जनसभा को सम्बोधित कर चुके है. दोनों ही प्रमुख पार्टिया भाजपा और कांग्रेस भरतपुर संभाग को फतह करने के लिए चुनाव मैदान में जुट गए है.
करौली की हैं चार सीटें
बता दें कि भरतपुर संभाग के करौली जिले में चार विधानसभा सीट हैं जिनमें करौली ,हिंडौन ,सपोटरा और टोडाभीम विधानसभा सीटें शामिल हैं. टोडाभीम विधानसभा सीट पर हमेशा कांग्रेस पार्टी का ही दबदबा रहा है. अन्य पार्टियों को एक- एक बार टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र की जनता ने जिताकर देख लिया है, लेकिन टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र की जनता का विश्वास कांग्रेस पार्टी पर ही रहा है.
टोडाभीम विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है. साल 1972 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने चेतराम को अपना प्रत्याशी बनाया था और चेतराम ने स्वतंत्र पार्टी के प्रत्याशी मेवाराम को हराकर विधानसभा पहुंचे थे. कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी चेतराम को कुल 13 हजार 944 वोट मिले थे तो स्वतंत्र पार्टी के मेवाराम को कुल 13 हजार 387 वोट मिले थे.
साल 1977 के विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी का बोलबाला चल और टोडाभीम विधानसभा सीट पर जनता पार्टी के टिकट पर बत्ती लाल चुनाव लड़े थे. बत्ती लाल ने कांग्रेस प्रत्याशी चेतराम को हराकर विधानसभा पहुंचे और जनता पार्टी के प्रत्याशी बत्ती लाल को कुल 30 हजार 49 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के प्रत्याशी चेतराम को कुल 11 हजार 206 वोट मिले थे.
चेतराम ने लिया बदला
साल 1980 के विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी ने बत्ती लाल को ही टिकट देकर मैदान में उतारा तो कांग्रेस पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी नहीं बदला और चेतराम को ही टिकट देकर मैदान में उतारा था. कांग्रेस पार्टी के चेतराम ने 1977 विधानसभा चुनाव में हार का बदला भी ले लिया. 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के चेतराम ने जनता पार्टी के प्रत्याशी बत्ती लाल को हराकर विधानसभा पहुंचे. कांग्रेस प्रत्याशी चेतराम को कुल 17 हजार 936 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे जनता पार्टी के बत्ती लाल को कुल 12 हजार 827 वोट मिले थे.
पिछली बार ऐसे रहे थे नतीजे
वहीं पिछले चुनाव में यानि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में टोडाभीम विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पृथ्वीराज मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया था. कांग्रेस के प्रत्याशी पृथ्वीराज मीणा ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रमेश चंद को हराया था . पृथ्वीराज को कुल 1 लाख 7 हजार 691 वोट मिले थे तो वहीं दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के प्रत्याशी रमेश चंद को कुल 34 हजार 385 वोट मिले थे.
फतह करने में जुटे दोनों दल
टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस पार्टी पर विश्वास ज्यादा किया है. अब साल 2023 के विधानसभा चुनाव में जनता का क्या रुख होता है यह देखने वाली बात होगी, लेकिन दोनों ही प्रमुख दल कांग्रेस और बीजेपी पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग को फतह करने के लिए रणनीति बनाने में लगे हुए है.
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