Rajasthan Election: भरतपुर में वैश्य समुदाय के वोट बैंक को साधने में जुटी बीजेपी, ऋषि बंसल को दी ये जिम्मेदारी
Assembly Election 2023: अब बीजेपी पूर्वी राजस्थान में कोई भी रिस्क लेना नहीं चाहती. इसलिए वैश्य समुदाय के ऋषि बंसल को जिलाध्यक्ष बनाकर किसी अन्य जाति के प्रत्याशी को मैदान में उतारना चाहती है.
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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. टिकट की दौड़ में शामिल नेता भी गोटी फिट करने की जुगत में हैं. कई नेता जातीय समीकरण बिठाने में लगे हैं. बीजेपी ने तीन बार भरतपुर विधानसभा सीट पर वैश्य समाज के प्रत्याशी को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी प्रत्याशी विजय बंसल को दो बार जीत मिली और 2018 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. 2018 के विधानसभा चुनावों में भरतपुर जिले की सातों सीट पर बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया. 4 सीट पर कांग्रेस, 2 सीट पर बहुजन समाज पार्टी और एक सीट पर कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन ने जीत दर्ज की. भरतपुर विधानसभा सीट पर 15 वर्ष से वैश्य समाज के प्रत्यशी को ही टिकट मिलता आ रहा था.
बीजेपी ने 2003 के विधानसभा के चुनाव में भरतपुर विधानसभा सीट पर डॉ. गुरदीप सिंह ( सिक्ख धर्म से ) को उम्मीदवार बनाया. उस समय विजय बंसल ने इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज की और उसके बाद बीजेपी में शामिल हो गए. 2008, 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विजय बंसल को टिकट दिया. दोनों बार विजय बंसल विजयी रहे. 2018 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने विजय बंसल पर भरोसा जताया. लेकिन कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुभाष गर्ग से विजय बंसल को हार का सामना करना पड़ा.
पूर्वी राजस्थान में जोखिम नहीं उठाना चाहती बीजेपी
अब बीजेपी पूर्वी राजस्थान में कोई भी रिस्क लेना नहीं चाहती है. इसलिए वैश्य समुदाय के ऋषि बंसल को जिलाध्यक्ष बनाकर किसी अन्य जाति के प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार में शामिल डॉ. सुभाष गर्ग वैश्य जाति से आते हैं. आम आदमी पार्टी ने भी जिलाध्यक्ष वैश्य जाति से संजीव गुप्ता को बनाया है. वैश्य समाज का वोट दो जगह बंटेगा.
चंद्र प्रकाश जोशी (CP Joshi) बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं. ब्राह्मण समाज टिकट की रेस में आगे आ गया है. विजय बंसल अभी बीजेपी से निष्कासित हैं. इसलिए टिकट की दौड़ में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा की दावेदारी मानी जा रही है. साथ ही बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष गिरधारी तिवारी भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं. हालांकि गिरधारी तिवारी दो बार बीजेपी प्रत्याशी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं.
भरतपुर में जाट वोट भी काफी है. इसलिए भरतपुर से टिकट की दावेदारी में जिला प्रमुख जगत सिंह, उदय विलास होटल के मालिक उदय सिंह, अरविंदपाल भी बताये जा रहे हैं. अब देखने वाली बात है कि बीजेपी आलाकमान किस प्रत्याशी पर भरोसा कर चुनावी मैदान में उम्मीदवार बनाता है. इस बार आम आदमी पार्टी भी प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है. आम आदमी पार्टी ने भरतपुर जिलाध्यक्ष पद पर वैश्य समाज के संजीव गुप्ता को अध्यक्ष बनाया है.
कांग्रेस के डॉ. सुभाष गर्ग का चुनाव लड़ना लगभग तय
अब देखने वाली बात होगी कि आम आदमी पार्टी को चुनाव में कितनी सफलता मिलती है. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से डॉ. सुभाष गर्ग का चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है. अगर बीजेपी ब्राह्मण समाज से प्रत्याशी मैदान में उतारती है तो वैश्य समाज का वोट हाथ से निकल सकता है. इसलिए बीजेपी ने वैश्य जाति के ऋषि बंसल को जिला अध्यक्ष बनाया है.
बीजेपी भरतपुर विधानसभा सीट पर वैश्य, कुम्हेर-डीग विधानसभा सीट पर जाट, नदबई विधानसभा सीट पर जाट, नगर विधानसभा सीट पर गुर्जर, बयाना-रूपबास और वैर एससी के लिए रिजर्व कामां में ने वैश्य, जाट और गुर्जर को भी उम्मीदवार बनाया है. 2018 में सभी सीटों पर हार के बाद अब देखना है कि बीजेपी भरतपुर जिले में जीत दर्ज करने के लिए कैसे जातीय समीकरण बिठाती है.
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