Rajasthan Assembly Election 2023 News: कांग्रेस ने रविवार (12 नवंबर) को कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में उसके शीर्ष नेतृत्व की राजनीतिक गतिविधि को लेकर अफवाह फैलाई गई है, जबकि मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने वहां पहले भी प्रचार किए हैं और आने वाले दिनों में भी करेंगे. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह बयान उस समय दिया है, जब कुछ खबरों में दावा किया गया है कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान विधानसभा चुनाव पर पूरा ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा है.
केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, ''बीजेपी प्रायोजित मीडिया का एक वर्ग राजस्थान में हमारे शीर्ष नेतृत्व की गतिविधि के बारे में अफवाहें फैला रहा है. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में कई बार प्रचार किया है.'' उन्होंने कहा कि 16 नवंबर से मल्लिकार्जुन खरगे 3 दिनों के लिए राजस्थान में रहेंगे, राहुल गांधी के 4 दिनों के सार्वजनिक कार्यक्रम होंगे और प्रियंका गांदी भी 3 दिनों के लिए प्रचार करेंगी.'
'हमारे खिलाफ फैलाया जा रहा दुष्प्रचार'
बीजेपी पर तंज कसते हुए केसी वेणुगोपाल ने दावा किया, ''यह दुष्प्रचार हमारे खिलाफ फैलाया जा रहा है, जबकि इस बारे में पूरी तरह से चुप्पी है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी को मिजोरम में चुनाव प्रचार करने नहीं गए.'' उनके मुताबिक, ''यह बेहद अनैतिक और शरारतपूर्ण है कि राजस्थान के प्रति कांग्रेस की अटूट प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया जा रहा है.'' कांग्रेस महासचिव ने कहा, ''मत भूलिए राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूरे राजस्थान में 18 दिनों तक चले.''
'शानदार जीत के साथ सत्ता में लौटेंगे'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा को लेकर केसी वेणुगोपाल ने कहा, ''राजस्थान में लागू किया जा रहा कांग्रेस का दृष्टिकोण और आगामी चुनावों के लिए इसकी गारंटी राहुल गांधी की राजस्थान के गरीबों, युवाओं और हाशिए पर रहने वाले लोगों के साथ बातचीत का परिणाम है.'' उन्होंने कहा, ''हमारी पूरी पार्टी, बूथ स्तर से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष तक, एकजुट होकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि राजस्थान में हमारी सरकार दोबारा बने. इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम शानदार जीत के साथ सत्ता में लौटेंगे, क्योंकि कांग्रेस का राजस्थान की 8 करोड़ जनता के साथ अटूट, मजबूत रिश्ता है. यह एक ऐसा बंधन है, जो दशकों की सार्वजनिक सेवा और क्रांतिकारी शासन द्वारा बना है.''
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