Rajasthan Assembly Elections 2023: कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के लिए नई लिस्ट जारी कर दी है. इसमें नामों को देखने के बाद हाल में ही दिल्ली में हुई बैठक का असर माना जा रहा है. क्योंकि, इसमें मुकेश भाकर, इंद्राज सिंह गुर्जर, जीआर खटाना, राकेश पारीक और विभा माथुर को बड़ी जगह दी गई है. वहीँ कई और चेहरे हैं जो इसमें शामिल हैं. दिल्ली में पिछले दिनों हुई बैठक में एक साथ चलने की बात कही गई थी. 


इस लिस्ट से यही बात साफ़ दिख रही है. इसमें 50 साल से कम के लोगों को तरजीह दी गई है. यही बात उदयपुर की बैठक में कही गई थी. सभी जातियों को साधा गया है. अभी एक और लिस्ट आने वाली है. जिसमें कई और चेहरों को जगह मिल सकती है. इस लिस्ट के बाद अब मंत्रिमंडल में फेरबदल की बात कही जा रही है. इस लिस्ट से सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों का गुट खुश है. 


सभी को दिया गया मौक़ा 
प्रदेश महासचिव बनाये गए स्वर्णिम चतुर्वेदी, देशराज मीणा, इन्द्राज सिंह गुर्जर का कहना है कि यह बेहतर लिस्ट है. इसमें सभी को मौक़ा मिला है. युवाओं और अनुभवी लोगों को पार्टी ने एक साथ मौक़ा दिया है. इसमें उदयपुर में हुई बैठक का पूरा ध्यान रखा गया है. महिलाओं और युवाओं को पूरा अवसर मिला है. वहीँ प्रदेश सचिव बनने वाली विभा माथुर का कहना है कि पार्टी ने जो दिया है उसका स्वागत है. पिछले दिनों प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण माथुर के परिवार से मुलाकात की थी. 


वहीं कई विधायकों को पार्टी में जगह मिली है. सांगानेर से चुनाव लड़ चुके पुष्पेंद्र भारद्वाज को प्रदेश महासचिव बनाया गया है. इसी तरह से कई और चेहरे हैं जो कुछ न कुछ मांग कर रहे थे उन सभी को जगह मिली. जिलाअध्यक्षों की भी लिस्ट आ गई है. उसमें महिला और युवाओं को ध्यान में रखा गया है. 


यह तो पहली किस्त है और सबको भागेदारी मिलती है 
राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ कहते हैं कि कांग्रेस 36 कौम को लेकर आगे बढ़ती है. उसमें किसी को नाराज करने जैसा कुछ नहीं है. जो विरोध करते हैं उनका भी सहन करते हुए आगे बढ़ने में विश्वास रखती है. इसमें कोई त्याग की भावना से नहीं आता. सभी को पद चाहिए होता है. इसलिए कई बार सभी को खुश करने के फेर में लिस्ट लम्बी हो जाती है. वहीँ राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार हरीश मलिक का कहना है कि यह तो पहली किस्त है. अभी और भी लिस्ट आ सकती है. क्योंकि, सभी को कुछ न कुछ मिल सकता है. संगठन और सरकार में ज्यादा से ज्यादा भागेदारी बढ़ाने का प्रयास है. 


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