Rajasthan Congress: राजस्थान में चुनावी बिगुल बज चुका है और बीजेपी, कांग्रेस सहित स्थानीय पार्टियां इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. इधर राजस्थान की राजनीति में महत्वपूर्ण माने जाने वाले मेवाड़ के केंद्र उदयपुर में ही कांग्रेस किराए पर चल रही है. किराए का अर्थ है कि जहां से पार्टियों की रणनीति बनती है, जो पार्टी कार्यालय होता है, वह उदयपुर में कांग्रेस के पास है ही नहीं. संभाग की रणनीति बनाने वाले उदयपुर शहर कांग्रेस के पास खुद का कार्यालय नहीं है. ऐसे में कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि खुद का घर नहीं है तो पार्टी आगे कैसे बढ़ेगी?


शहर कार्यालय नेताओं के घर पर, गांव कार्यालय किराए पर
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि शहर कांग्रेस कार्यालय नेताओं के घर चलता आया है. यानी कुछ समय तक उदयपुर शहर कांग्रेस कार्यालय नीलिमा सुखाड़िया के घर चलता रहा और फिर कई साल से पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिज व्यास के घर चलता रहा. फिर निवर्तमान अध्यक्ष गोपजी शर्मा ने किराए पर लिया. कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह चाहते हैं कि कार्यकर्ता उनके घर ही जाएं, ताकि उनका वर्चस्व हमेशा कायम रहे. 


मेवाड़ से कांग्रेस के सीएम, केंद्रीय मंत्री और सीडब्ल्यूसी सदस्य रहे
कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि उदयपुर से मोहनलाल सुखाड़िया कई साल मुख्यमंत्री रहे, गिरिजा व्यास केंद्रीय मंत्री रहीं, रघुवीर सिंह मीणा सीडब्ल्यूसी सदस्य हैं. इसके बाद भी उदयपुर में कांग्रेस कार्यालय नहीं बना सके, जबकि देहात और शहर के लिए जमीन पड़ी हुई है, सिर्फ निर्माण करना है. जब भी कार्यकर्ताओं को काम होता है, उनके घर का दरवाजा खटखटाना पड़ता है. 


'जमीन है लेकिन फंड कहां से लाएं?'
निवर्तमान अध्यक्ष गोपजी शर्मा ने बताया कि 8 साल से अध्यक्ष हूं और शहर के पंचवटी क्षेत्र में किराए पर दो कमरे-किचन ले रखा है, जहां कांग्रेस कार्यालय चल रहा है. जमीन पड़ी है लेकिन वह ऐसी जगह है जहां उसकी लेवलिंग करने में ही 10 लाख रुपये की जरूरत पड़ेगी और इसके अलावा भवन का खर्च अलग. अब ऐसे में फंड कहा से लेकर आएं? दिल्ली से टीम भी आई थी और उन्होंने पूछा भी था, तो उन्हें जमीन दिखाई थी. जल्द बनाने की कोशिश करते हैं.


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