Rajasthan Elections 2023: आजादी के बाद से ही बाड़ी सीट पर रहा है कांग्रेस का दबदबा, पार्टी ने यहां से 10 बार की जीत दर्ज
Rajasthan: धौलपुर की बाड़ी विधानसभा सीट पर शुरू से ही कांग्रेस का कब्जा रहा है. यहां 16 बार विधानसभा का चुनाव हुआ. इसमें तीन बार निर्दलीय एक-एक बार बीजेपी और बसपा जीती.
Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान के धौलपुर जिले की बाड़ी विधानसभा सीट पर शुरू से ही कांग्रेस (Congress) का कब्जा रहा है. बाड़ी विधानसभा सीट पर आजादी के बाद अब तक 16 बार विधानसभा का चुनाव हुआ है. इसमें तीन बार निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है, तो एक- एक बार बीजेपी (BJP) और बसपा (BSP) ने जीत का स्वाद चखा है. बाकि लगभग 10 बार यहां कांग्रेस प्रत्याशी का ही बोलबाला रहा है. साल 2008 में बाड़ी विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर गिर्राज सिंह चुनाव जीते थे, लेकिन चुनाव जितने के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी में विलीय कर लिया था.
बाड़ी विधानसभा सीट पर साल 1951 से 1957 तक तीन बार विधानसभा चुनाव हुए. तीनों बार कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद साल 1962 में निर्दलीय प्रत्याशी रघुबीर सिंह ने जीत दर्ज की थी. वहीं साल 1967 के चुनाव में फिर कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत राम ने जीत दर्ज की थी. बलवंत राम ने संघटा सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी टुंडा को हराया था. बलवंत राम को कुल 7 हजार 816 वोट मिले थे. वहीं टुंडा को कुल 6 हजार 667 वोट मिले थे. साल 1972 विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रामलाल ने कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत राम को हराया और विधानसभा में पहुंचे.
कांग्रेस ने 1977 में सालिगराम को दिया टिकट
उनको कुल 15 हजार 12 वोट मिले. वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के प्रत्याशी बलवंत को कुल 9 हजार 458 वोट मिले थे. इसके बाद साल 1977 के विधानसभा चुनाव में फिर कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की. कांग्रेस ने 1977 में सालिगराम को टिकट दिया था और जीतकर विधानसभा पहुंचे. सालिगराम ने जनता पार्टी के प्रत्याशी ब्रजराज सिंह को हराया था. सालिगराम को कुल 18 हजार 867 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे जनता पार्टी के प्रत्याशी ब्रजराज सिंह को कुल 16 हजार 592 वोट मिले थे.
1980 में निर्दलीय ने की जीत दर्ज
इसके बाद साल 1980 के विधानसभा चुनाव में बाड़ी विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी शिव सिंह चौहान ने जीत दर्ज की और विधानसभा पहुंचे. शिव सिंह चौहान ने कांग्रेस प्रत्याशी सालिग राम को हराया. साल 1980 के चुनाव में बाड़ी विधानसभा सीट ओर निर्दलीय प्रत्याशी शिव चौहान को कुल 21 हजार 551 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी सालिग राम को कुल 20 हजार 191 वोट मिले थे. इसके बाद साल 1985 के विधानसभा चुनाव से लेकर 1993 के चुनाव तक कांग्रेस पार्टी और प्रत्याशी दलजीत सिंह ने हैट्रिक लगाई. वो लगातार तीन चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे.
1985 में श्रीलाल मीणा को हराया
उन्होंने पहले 1985 के चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी श्रीलाल मीणा को हराया था. इस चुनाव में दलजीत सिंह को कुल 35 हजार 715 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी प्रत्याशी श्रीलाल मीणा को कुल 17 हजार 357 वोट मिले थे. इसके बाद 1990 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी दलजीत सिंह को कुल 42 हजार 972 वोट मिले थे. उन्होंने इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी देवेन्द्र सिंह कसाना को हराया था. दूसरे नंबर पर रहे देवेंद्र सिंह कसाना को कुल 18 हजार 983 वोट मिले थे. इसके बाद साल 1993 में उन्होंने ने बीजेपी प्रत्याशी किरोड़ी लाल मीणा को हराया था. इस चुनाव में दलजीत सिंह को कुल 28 हजार 586 वोट मिले थे.
1998 में पहली और आखिरी बार जीती बीजेपी
वहीं दूसरे नंबर पर रहे किरोड़ी लाल मीणा को कुल 25 हजार 36 वोट मिले थे. साल 1998 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहली और आखिरी बाड़ी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. 1998 बीजेपी के प्रत्याशी जसवंत सिंह गुर्जर जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे. जसवंत सिंह गुर्जर ने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी हर सहाय को हराया था. जसवंत गुर्जर को कुल 28 हजार 301 वोट मिले थे. वहीं बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी हर सहाय को कुल 27 हजार 792 वोट मिले थे. इसके बाद साल 2003 के विधानसभा चुनाव से बाड़ी विधानसभा सीट पर फिर कांग्रेस का ही दबदबा रहा है.
साल 2003 फिर जीती कांग्रेस
साल 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी दलजीत सिंह ने जीत दर्ज की. उन्होंने ने बीजेपी के प्रत्याशी जसवंत सिंह को हराया था. इस चुनाव में दलजीत सिंह को कुल 46 हजार 482 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नबर पर रहे जसवंत सिंह को कुल 44 हजार 502 वोट मिले थे. उसके बाद साल 2008 के विधानसभा चुनाव से लगातार गिर्राज सिंह ने बाड़ी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाई है. गिर्राज सिंह ने 2008 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इसमे उन्हें जीत मिले थी, लेकिन बसपा से जीत कर गिर्राज सिंह ने बसपा के अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस में विलय कर लिया था.
साल 2008 में पहली बार जीते गिर्राज सिंह
साल 2008 के चुनाव में गिर्राज सिंह ने जसवंत सिंह को हराया था. गिर्राज सिंह को कुल 35 हजार 895 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे जसवंत सिंह को कुल 32 हजार 965 वोट मिले थे. इसके बाद साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने गिर्राज सिंह को ही अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने फिर जीत दर्ज की. इस चुनाव में गिर्राज सिंह ने बीजेपी के जसवंत सिंह को हराया. गिर्राज सिंह को कुल 53 हजार 482 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे जसवंत सिंह को कुल 50 हजार 681 वोट मिले थे. इसी तरह 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने फिर गिर्राज सिंह को ही अपना प्रत्याशी बनाया और गिर्राज सिंह ने फिर जीत दर्ज की.
साल 2018 के चुनाव में भी गिर्राज सिंह ने फिर से बीजेपी प्रत्याशी जसवंत सिंह को हराया. इस चुनाव में गिर्राज सिंह को कुल 79 हजार 712 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे जसवंत सिंह को कुल 60 हजार 29 वोट मिले थे. अब 2023 में कुछ ही महिनों में एक बार फिर राजस्थान में विधानसभा चुनाव होनें हैं. इस बार बाड़ी का ऊंट किस करवट बैठेगा यह देखने वाली बात होगी. कांग्रेस अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं और राहत योजनाओं के सहारे मिशन 156 लेकर चल रही है.
वहीं बीजेपी कानून व्यवस्था को लेकर चुनाव मैदान में कूद चुकी है. अब जनता किसको ताज पहनती है, यह समय बताएगा. बता दें साल 2018 के चुनाव में बीजेपी का भरतपुर संभाग से सूपड़ा साफ हो गया था.