Rajasthan Election: बीजेपी ने कल कार्यकारणी की घोषणा कर दी है. इसमें से दो नाम चर्चा में हैं. दोनों पूर्वी राजस्थान से हैं. राजनीति के जानकारों का कहना है कि टोंक-सवाईमाधोपुर के बीजेपी सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया और दौसा से जिला परिषद सदस्य नीलम गुर्जर को बीजेपी की नई टीम में जगह मिली है. दोनों पूर्वी राजस्थान की गुर्जर समाज से आते हैं.


इन दोनों को संगठन में जिम्मेदारी मिलने से पूर्वी राजस्थान में चर्चा है. इसे जातिगत संतुलन साधने की बात कही जा रही है. हालांकि नीलम का कहना है कि उन्हें पार्टी ने जिम्मेदारी दी है तो मेहनत से काम करना है. वहीं सांसद सुखबीर जौनापुरिया का कहना है कि पार्टी ने नई जिम्मेदारी दी है. जो आदेश होगा उसके हिसाब से काम किया जाएगा. नीलम और सुखबीर को सचिन पायलट के विकल्प के रूप में बीजेपी देख रही है. गुर्जर वोटर्स पर पकड़ बनाने के लिए बीजेपी  ने ये दांव चली है. 


पार्टी के लिए करेंगे काम 


बीजेपी सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया का कहना है कि पार्टी जो कहेगी वो करूंगा. यहां पर चुनाव कर मद्देनजर अभी संगठन के लिए काम करना है.यहां पर पार्टी के पास प्रत्येक सीट पर बड़ी संख्या में प्रत्याशी हैं. संगठन के हिसाब से फील्ड में उतरना है. जौनापुरिया को बीजेपी ने पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया है.


नीलम गुर्जर ने बताया कि उन्हें बीजेपी ने प्रदेश मंत्री बनाया है. पार्टी अगर कहेगी कि चुनाव लड़ना है तो लड़ने की पूरी तैयारी है. मगर अभी संगठन में काम मिला है उसी पर फोकस है. पूरी तरह से क्षेत्र में पार्टी के लिए काम करना है. 


पूर्वी राजस्थान में गुर्जर बाहुल्य कई सीटें


पूर्वी राजस्थान में गुर्जर बाहुल्य कई सीटें हैं. कुल 7 जिलों में 39 सीटें हैं. सवाईमाधोपुर-टोंक में गुर्जर बाहुल्य कई सीटें है. वहीं दौसा में कुल 4 सीटें हैं जहां पर गुर्जर का ज्यादा असर है. इसके बाद कई और जिले हैं जिनपर गुर्जर जाति का बड़ा असर है. ऐसे में उन सीटों पर बीजेपी ज्यादा फोकस हैं जहां पर गुर्जर निर्णायक की भूमिका में हैं.


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