Rajasthan Elections 2023: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में चार विधानसभा सीटें हैं- गंगापुर सिटी ,सवाई माधोपुर ,बामनवास और खण्डार. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर जिले से भारतीय जनता पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया था .जिले की तीन विधानसभा सीटों सवाई माधोपुर ,बामनवास और खण्डार पर कांग्रेस प्रत्याशी जीत थे तो गंगापुर सिटी पर निर्दलीय प्रत्याशी रामकेश जीते थे. 


कौन विधायक है अपवाद


सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने हर बार विधानसभा चुनाव में अपना नया विधायक चुनकर विधानसभा में भेजा है. सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने एकमात्र विधायक मोती लाल को  1985 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीतकर विधानसभा भेजा था. उसके बाद 1990 के विधानसभा चुनाव में वो जनता दल के प्रत्याशी के रूप में फिर जीत गए थे. इसके बाद के चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने कभी भी किसी विधायक या किसी पार्टी के प्रत्याशी को दोबारा विधायक बनने का मौका नहीं दिया.   


वर्ष 1972 में सवाई माधोपुर विधानसभा की सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी फारूक हसन ने जीत दर्ज की थी. हसन ने स्वतंत्र पार्टी के हरी बल्लभ को हराया था. हसन को 15 हजार 680 वोट मिले थे तो हरी बल्लभ को कुल नौ हजार 873 वोट मिले थे. वहीं 1977 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर जनता पार्टी के प्रत्याशी मंजूर अली जीते. मंजूर अली ने कांग्रेस के नत्थू सिंह को हराया था.मंजूर अली को कुल 21 हजार 794 वोट और नत्थू सिंह को कुल 16 हजार 222 वोट मिले थे. 


हंसराज को पहुंचाया विधानसभा


वर्ष 1980 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर हंसराज चुनाव मैदान में उतरे और जीते. उन्होंने कांग्रेस के फारूक हसन को हराया था .हंसराज को कुल 19 हजार 169 वोट मिले तो फारूक हसन को 18 हजार 194 वोट. इसी तरह 1985 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता का पार्टी मोह भंग हो गया और निर्दलीय प्रत्याशी मोतीलाल को जिताकर विधानसभा भेजा. मोती लाल ने बीजेपी के हंसराज शर्मा को हराया. मोतीलाल को कुल 16 हजार 464 वोट मिले थे तो हंसराज शर्मा को कुल 13 हजार 45 वोट मिले. 


वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में जनता दल ने मोती लाल को अपना प्रत्याशी बनाया था. मोती लाल लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.मोतीलाल ने निर्दलीय प्रत्याशी मुन्ताज को हराया था. मोती लाल को कुल 20 हजार 709 वोट तो मुन्ताज को 13 हजार 165 वोट मिले थे. साल 1993 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने फिर निर्दलीय प्रत्याशी पर अपना विश्वास जताया.जनता ने महिला निर्दलीय प्रत्याशी नरेंद्र कंवर को विजयी बनाकर विधानसभा भेजा.नरेंद्र कंवर ने कांग्रेस की यासमीन अबरार को हराया था.नरेंद्र कंवर को 27 हजार 797 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रही यासमीन अबरार को 24 हजार 872 वोट मिले थे. 


महिलाओं में मुकाबला


वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र कंवर को टिकट दिया. कांग्रेस ने फिर यासमीन अबरार पर ही भरोसा जताया. यासमीन कांग्रेस के भरोसे पर खरी उतरीं और जीतकर विधानसभा पहुंचीं. यासमीन अबरार को 39 हजार 803 वोट मिले तो दूसरे नंबर पर रहीं नरेंद्र कंवर को 27 हजार 203 वोट.  


वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने किरोड़ी लाल मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया. कांग्रेस पार्टी ने फिर यासमीन को ही टिकट दिया. लेकिन इस बार सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने किरोड़ी लाल मीणा को जिताया. मीणा को कुल 71 हजार 574 वोट मिले तो दूसरे नंबर पर रहीं यासमीन अबरार को 41 हजार 488 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. वहीं 2008 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट की जनता ने कांग्रेस के अलाउद्दीन आजाद को अपना विधायक चुना. उस चुनाव में बीजेपी ने अपने विधायक किरोड़ी लाल का टिकट काटकर जसकौर को मैदान में उतारा था. लेकिन वो अलाउद्दीन आजाद के आगे टिक नहीं पाईं. जसकौर तीसरे नंबर पर चली गईं. दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी किरोड़ी लाल मीणा रहे. अलाउद्दीन आजाद को 37 हजार 952 वोट,किरोड़ी लाल मीणा को 34 हजार 952 वोट मिले थे . 


किरोड़ी लाल मीणा का टिकट कटा


वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने महिला प्रत्याशी राजकुमारी दीया कुमारी को टिकट दिया. उन्होंने जीत दर्ज की. दीया कुमारी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी के किरोड़ी लाल मीणा को हराया. दीया कुमारी को कुल 57 हजार 384 वोट मिले तो मीणा को 49 हजार 852 वोट. 


साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने दानिश अबरार को अपना प्रत्याशी बनाया. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने आशा मीणा को टिकट दिया. इस चुनाव में दानिश अबरार की जीत हुई. अबरार को कुल 85 हजार 655 वोट मिले तो आशा मीणा को 60 हजार 456 वोट. 


बीजेपी और कांग्रेस के दावे


अब 2023 विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. मुख्यमंत्री मिशन 156 लेकर चल रहे हैं. महंगाई राहत शिविर में उमड़ी भीड़ को अपना वोट समझ कर जीत का दावा कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी अपने मजबूत संगठन को लेकर जीत का दावा कर रही है.वो केंद्र सरकार की नौ साल की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जा रही है. बीजेपी ने बूथ लेवल तक और पन्ना प्रमुख की नियुक्तियां कर दी हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि जनता किसपर विश्वास जताती है. यह चुनाव परिणाम ही बताएगा.


ये भी पढ़ें


Rajasthan: बूंदी में कोटा विकास प्राधिकरण का विरोध शुरू, विधायक भरत सिंह ने जताई आपत्ती, बीजेपी भी खिलाफ