Rajasthan Election 2023: कोटा की 6 सीटों से 16 प्रत्याशियों ने नाम लिया वापस, AIMIM कैंडिडेट ने पर्चा वापस लेते हुए लगाए ये आरोप
Rajasthan Election 2023 Nomination: राजस्थान विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने की आज लास्ट डेट थी. कोटा जिले की 6 विधानसभा सीटों से कई प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया है.
Rajasthan Assembly Election 2023 News: राजस्थान के कोटा जिले की 6 विधानसभाओं में नाम वापसी के अंतिमत दिन गुरूवार (9 नवंबर) को कुल 16 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिया है. जिसमें पीपल्दा में 3, सांगोद में 3, कोटा उत्तर में 2, कोटा दक्षिण 3, लाडपुरा में 3 और रामगंजमंडी में 2 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए हैं. पीपल्दा में नकुल शर्मा, हयात खान और सरोज मीणा ने अपने नाम वापस लिए, वहीं सांगोद में कुशलपाल सिंह, रघुवीर प्रसाद नागर और विजय प्रताप सिंह ने अपने नाम वापस ले लिए.
कोटा उत्तर से औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रत्याशी मोहम्मद युनूस देशवाली ने अपना नाम वापस ले लिया. देशवाली ने बताया कि उनके नेता कोटा नहीं आ रहे थे, इसलिए उन्हें थोड़े बहुत वोट मिलते. जिसके कारण उन्होंने अपना नाम वापस लिया है. सरोज मीणा ने भी कांग्रेस के पक्ष में अपना समर्थन दिया है. इसके अलावा कोटा उत्तर से परवेज खाने ने भी अपना नाम वापस लिया. कोटा दक्षिण से प्रमोद कुमार गोस्वामी, धनराज शर्मा, महेश आहुजा ने अपना नाम वापस ले लिया. लाडपुरा से किशन गोपाल अग्रवाल, खेमचंद शाक्यवाल और मुकुट बिहारी ने भी अपना नाम वापस ले लिया है. रामगंजमंडी में जुगल किशोर और बबलेश कुमार ने अपना नामांकन वापस लिया है.
बीजेपी-कांग्रेस पर राजावत ने लगाए आरोप
पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत पार्टी के आला नेताओं के समझाने के बावजूद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में डट हुए हैं. गुरुवार (9 नवंबर) को नामांकन का समय निकलने के बाद उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ''बीजेपी प्रत्याशी कल्पना देवी ने कार्यकर्ताओं की भावनाओं को आहत किया है, उससे मिलने के लिए जनता भी तरस गई.'' उन्होंने आरोप लगाया कि ''कांग्रेस प्रत्याशी नईमुद्दीन गुड्डु को जनता ने प्रधान निर्वाचित किया, लेकिन वो जनता की सुध-बुध लेने की जगह गरीब किसानों से लाखों रुपये की वीसीआर भरवाते रहे.''
बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले भवानी सिंह राजावत ने कहा, ''मैंने गरीब को गणेश मानकर और लाडपुरा की जनता को भगवान मानकर पूजा है और उनके दुख दर्द में हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा हूं. अब फैसला जनता को करना है कि उन्हें पार्टी के प्रत्याशियों को जिताना हैं या जनता के हितों के लिए लड़ने वाले प्रत्याशियों को जिताना हैं.'' उन्होंने कहा, ''नामांकन का समय समाप्त होने के बाद राजावत ने खड़े गणेश जी मन्दिर और डाढ़देवी माता के मन्दिर में पूजा अर्चना की.''
बीजेपी 3 बार जीते प्रत्याशी को नहीं दे रही सिंबल
भवानी सिंह राजावत ने कहा कि विडम्बना है कि एक ओर कांग्रेस 3 बार हारे हुए प्रत्याशी पर दांव खेल रही है, वहां बीजेपी ने जनता की मांग के बावजूद भी 3 बार जीते हुए को सिम्बल नहीं दिया. जनता का सिम्बल मेरे पास है. यह लाडपुरा के स्वाभिमान की लड़ाई है, हम जी जान से लड़ेंगे और जीतेंगे क्योंकि जो किलों पर राज करते हैं उनके साम्राज्य समाप्त हो जाते हैं. उन्होंने कहा, ''जो दिलों पर राज करते हैं उनके साम्राज्य स्थाई होते हैं.''