Rajasthan Politics: गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- अपने गिरेबान में झांके कांग्रेस, इस चुनाव में बराबर होगा हिसाब
Rajasthan Election 2023 News: CM अशोक गहलोत के मणिपुर हिंसा पर सवाल उठाने पर शेखावत ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में जवाब दिया था, गहलोत उसे नहीं देख पाए थे.
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे राजनेताओं के बयानों में तल्ख अंदाज देखने को मिल रहा है. चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल और राजनेता राजनीति के मैदान में बाजी मारने के लिए सक्रिय नजर आ रही है. आपस में बयानबाजी के दौरान आरोप प्रत्यारोप वाले बयान मीडिया की सुर्खियां भी बन रहे हैं.
अशोक गहलोत पर हमला
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि अपनी को भुलाकर दूसरों पर दोषारोपण करना उनकी फितरत है.वह यह भूल जाते हैं कि अगर कोई एक अंगुली किसी दूसरे की तरफ उठाता है तो तीन अंगुलियां अपनी तरफ उठती हैं.
शनिवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए शेखावत ने कहा कि जो राज्य बलात्कार में नंबर वन हो, भ्रष्टाचार में नंबर वन हो, बेरोजगारी में नंबर वन हो, उसे किसी पर दोषारोपण करने का कोई अधिकार नहीं है. शेखावत ने कहा कि राजस्थान की जनता इनकी राजनीतिक चालबाजियों को जानती है. अबकी बार हिसाब बराबर भी करने वाली है.
नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी में तुलना
राजस्थान में पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि जिस पार्टी के पास दुनिया का सबसे लोकप्रिय चेहरा हो, उससे कांग्रेस में डर जायज है. जिस पार्टी के पास नरेंद्र मोदी जी जैसा नेता हो और जिस पार्टी के पास राहुल गांधी जैसा नेता हो, उसकी तुलना पूरा देश कर रहा है.
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरोकारों की पार्टी रही है. पार्टी का हर कार्यकर्ता एक विचार को लेकर कार्य कर रहा है, जब से पार्टी बनी है, इसी सरोकार के तहत पार्टी काम कर रही है. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी में आज तक विभाजन नहीं हुआ.
मणिपुर हिंसा पर सवाल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मणिपुर हिंसा पर सवाल उठाने पर शेखावत ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह जी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए जो जवाब दिया था, अगर अशोक गहलोत उसे नहीं देख पाए थे तो उन्हें एक बार अवश्य देखना चाहिए. गृह मंत्री ने मणिपुर में आजादी के बाद से अब तक हुई घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया था. गृह मंत्री खुद वहां गए थे.
कांग्रेस सरकार के समय दंगे होते रहे, लेकिन गृह मंत्री तो छोड़ दीजिए, गृह राज्यमंत्री तक वहां नहीं गए. उस दौरान कांग्रेस ने इस मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा की बात ही दूर, कभी सामान्य स्टेटमेंट भी देने की जरूरत नहीं समझी. इसलिए दूसरों पर दोषारोपण से बेहतर है कि कांग्रेस अपने गिरेबां में झांके. कांग्रस को दूसरों पर राजनीतिक दोषारोपण करने का अधिकार नहीं है.
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