(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan Assembly: राजनाथ सिंह की मौजूदगी में मंच पर माइक की छीना-झपटी किसकी साजिश? पढ़ें इनसाइड स्टोरी
Rajasthan Viral Video: ऑडियो सामने आने के बाद पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ पर साजिश के आरोप लगाये जा रहे हैं. मंच पर छीना-झपटी की घटना कैमरे में कैद हो गई.
Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में चल रही कलह उस समय खुलकर सामने आ गई जब बालेसर की सभा में मंच पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे. शेरगढ़ के पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ माइक पर बोल रहे थे. अचानक मंच पर माइक की छीना झपटी शुरू हो गई. यह घटना कैमरे में कैद हो गई. जिससे पार्टी की किरकिरी भी हो रही है. अब इस घटना के बाद एक ऑडियो वायरल हो रहा है.
ऑडियो सामने आने के बाद पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ पर साजिश का आरोप लगाया जा रहा है. वहीं बाबू सिंह राठौड़ माइक छीनकर उकसाने वालों को कांग्रेस से जुड़ा बता रहे हैं. अब इस मामले की इनसाइड स्टोरी हम आपको बताते हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी इस अनुशासनहीनता को लेकर जल्द कार्रवाई करेंगे.
ऑडियो वायरल साजिश का दावा
पूर्व सरपंच पति छगन सिंह का ऑडियो बताया जा रहा है. उसमें छगन सिंह बोल रहे हैं कि कल प्रत्येक ग्राम पंचायत से कम से कम 25 लोगों को लाना है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सभा है. जब राजनाथ सिंह बोले तो नरेंद्र मोदी जिंदाबाद, राजनाथ सिंह जिंदाबाद के नारे लगाने हैं. जब गजेंद्र सिंह शेखावत बोले उस समय उनका विरोध करना है. क्योंकि वो हमारे पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.
'उससे मेरा कोई सरोकार नहीं है'
शेरगढ़ के पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने एबीपी लाइव से बात करते हुए अपना पक्ष रखा और कहा कि पूर्व सरपंच पति छगन सिंह का ऑडियो वायरल हुआ है. जो मुझे पता चला है. उससे मेरा कोई सरोकार नहीं है.
साथ ही मैं यह बताना चाहता हूं कि छगन सिंह कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं. मैंने किसी तरह का प्रोटोकॉल नहीं तोड़ा है. मैंने राजनाथ सिंह से परमिशन लेकर बोलना शुरू किया था. उसी दौरान जो लोग पीछे खड़े थे. प्रताप सिंह राणा, राजेंद्र सिंह इंदा, जसवंत सिंह इंदा व अन्य लोगों ने माइक के साथ छीना झपटी की.
मंच पर बैठने वाले 29 लोगों की लिस्ट थी
क्योंकि 2008 के चुनाव में भी हमने राजनाथ सिंह को बुलाया था. वो हमारी सभा में पहुंचे. 2013 के चुनाव में भी हमने राजनाथ सिंह को बुलाया. उन्होंने हमारी सभा को संबोधित किया. इस बार भी हमने उन्हें बुलाया, वो हमारी पार्टी के बड़े व वरिष्ठ नेता हैं. बाबू सिंह ने आरोप लगाया कि मंच पर बैठने वाले 29 लोगों की लिस्ट थी. जिसमें राजेंद्र सिंह इंदा, जसवंत सिंह इंदा, प्रताप सिंह राणा के नाम नहीं थे.
यह सभी गजेंद्र सिंह शेखावत के करीबी हैं. उनको मंच सौंप दिया गया था, पर राजेंद्र सिंह इंदा, जसवंत सिंह इंदा, प्रताप सिंह राणा यह सभी कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए वोट मांग रहे थे. ऐसे लोगों को हमारे इतने बड़े नेता की सभा में मंच पर जगह कैसे दी गई. मैं इस पार्टी से अपील करता हूं कि इसकी जांच की जाए. जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई की जाए.
'इसमें क्या बुरा हुआ था'
राजेंद्र सिंह इंदा एबीपी लाइव से बात करते हुए बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लिए हमने सभा की तैयारियां शुरू की थी. इस दौरान पूर्व MLA बाबू सिंह से भी हमने कहा था तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने बस के लिए भी इंकार कर दिया था. अन्य सहायता के लिए भी इंकार कर दिया था. जब यह सभा हो रही थी.
उस समय पूर्व MLA बाबू सिंह के नाम का अनाउंसमेंट जसवंत सिंह इंदा ने किया, लेकिन वो उस समय नहीं बोले जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बोलने के बाद राजनाथ सिंह बोलने वाले थे. ऐसे में उन्होंने बीच में जाकर जसवंत सिंह इंदा से माइक छीना प्रोटोकॉल तोड़ा था. जो बाबू सिंह राठौड़ ने जसवंत सिंह इंदा के साथ किया माइक छीन कर वहीं इनके साथ हुआ. इसमें क्या बुरा हुआ था.
'बीजेपी में गुटबाजी की कलह चरम पर है'
राजनीतिक जानकार यह मानते हैं कि राजस्थान बीजेपी में गुटबाजी की कलह चरम पर है. गुटबाजी के चलते नेता अटैकिंग मोड में नजर आ रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच चल रही गुटबाजी के चलते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सभा में माइक की छीना झपटी मंच पर देखने को मिली थी.
बालेसर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सभा के आयोजन का जिम्मा पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के पास था. एबीपी लाइव से वासुदेव देवनानी ने कहा कि इस घटना की जांच प्रदेश अध्यक्ष करेंगे. इसकी पूरी जानकारी हमने प्रदेश अध्यक्ष को दे दी है. साथ ही राजेंद्र सिंह इंदा, जसवंत सिंह इंदा, प्रताप सिंह राणा का नाम मंच पर व्यवस्था यानी माला देना या अन्य चीज पहुंचाने की लिस्ट में था.
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