Rajasthan BJP Politics: राजस्थान राजनीति में बीजेपी पर दूसरे नंबर पर माने जाने वाले उदयपुर शहर विधायक गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) को असम का राज्यपाल (Governor of Assam) बना दिया गया है. वहीं फैसले पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे  (Vasundhara Raje) ने उन्हें बधाई दी और उनकी जमकर तारीफ भी की.


वहीं अगर राजस्थान में बीजेपी की राजनीति का पिछला एक दशक देखे तो कटारिया और राजे अंदर ही अंदर एक दूसरे के विरोधी माने जाते रहे हैं. कई बार एक दूसरे के खिलाफ इनडायरेक्ट बयानबाजी भी की है. एक बार तो ऐसा मौका भी आया कि वसुंधरा के पक्ष में 58 विधायक इस्तीफा देने के लिए तक तैयार हो गए थे. इसके पीछे कटारिया का एक कार्यक्रम सामने आया था. हालांकि, मीडिया के पूछे जाने पर दोनों नेता कभी खुलकर सामने नहीं आए. आईये जानते हैं कब-कब विरोध बढ़े.


साल 2012 की बात है जब कटारिया मेवाड़ से जागरण रथ यात्रा निकलने वाले थे. इस यात्रा का वसुंधरा राजे ने विरोध किया और चेतावनी तक दे दी थी कि उनकी बात नहीं मानी गई तो वो इस्तीफा दे देंगी. दोनों के बीच की कलह दिल्ली तक पहुंची तो राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडगरी को राजस्थान आना पड़ा. साथ ही कोर कमेटी की बैठक हुई जिसमें कटारिया की यात्रा पर विवाद खड़ा हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि वसुंधरा के पक्ष में 78 में से 58 विधायक इस्तीफा देने को तैयार हो गए. आखिर वसुंधरा की चली और कटारिया ने खुद अपनी यात्रा को रद्द कर दिया. इसके बाद कटारिया ने मीडिया को बताया कि अगर मेरी यात्रा से राजे इस्तीफा देती है तो संगठन के लिए मैं अपनी यात्रा निरस्त करता हूं. 


यहां वसुंधरा पर कटारिया ने निशाना साधा 
जुलाई 2021 की बात है जब कटारिया चित्तौड़गढ़ गए थे. यहां उन्होंने वसुंधरा पर निशाना साधते हुए कहा था कि पार्टी से हटकर चलने वालों का हश्र सभी ने देखा है. इसी तरह नवंबर 2022 में एक सभा को संबोधित करते हुए कटारिया ने कहा था कि कोई मतभेद होता ही नहीं है. एक पार्टी में हर कोई एक साथ चलता है. अगर किसी के मन मे उठापठक कहक रही है तो वह अपना रास्ता ले सकता है. 


कांग्रेस ने भी कटारिया-राजे कलह पर की बयानबाजी
जिस प्रकार बीजेपी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के कलह पर बयानबाजी करते नजर आते हैं. इसी प्रकार कांग्रेस भी कटारिया-राजे के बीच के रिश्ते पर बयानबाजी करते दिखते हैं. दिसंबर 2022 में राजस्थान के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास उदयपुर दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने गुलाब चंद कटारिया पर निशाना साधते हुए कहा था कि कटारिया कई बार बोल चुके हैं कि कांग्रेस के मंत्री कुंठा में रहते हैं, लेकिन परेशानी में तो खुद कटारिया है. उनकी वसुंधरा के सामने हवा निकल जाती है. हम ईमानदारी से बात कहते हैं, कुंठा में नहीं. यह तो आपका चेहरा बता देता है. 


खुद के गृह क्षेत्र में झेलनी पड़ी खेमे बाजी
गुलाब चंद कटारिया मेवाड़ में बीजेपी के दिग्गज नेता है और मेवाड़ की 28 विधानसभा सीटों पर लगभग इन्ही का नियंत्रण माना जाता है. वहीं ऐसे मौके भी आए जिसमें कटारिया के पक्ष में माने जाने वाले दिग्गज नेताओं का विरोध झेलना पड़ा. इसमें एक है राजसमन्द की विधायक रहीं किरण माहेश्वरी जिनका निधन हो चुका है. बताया जाता है कि कटारिया की रथ यात्रा के दौरान माहेश्वरी ने वसुंधरा राजे को समर्थन दिया था. जनता सेना के संरक्षक रणधीर सिंह भिडर जो वल्लभनगर विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं और जनता सेना पार्टी के संरक्षक हैं. वह अभी कटारिया के धुर विरोधी माने जाते हैं और वसुंधरा के करीबी हैं. कई बार उन्होंने कटारिया के खिलाफ बयानबाजी भी की है.


अब गुलाबचंद कटारिया की तारीफ हो रही
एक दशक से लगातार विरोधी रहे बीजेपी के दिग्गज नेता अब कटारिया की तारीफों के पुल बांध रहे हैं. वसुंधरा राजे कटारिया के राज्यपाल बनने पर उनके आवास पहुंची और उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई दी. साथ ही तारीफ में उन्हें राजस्थान का वरिष्ठ और अनुभवी नेता भी बताया. इधर हमेशा कटारिया को कोसने वाले रणधीर सिंह भिडर ने भी ट्वीट करते हुए उनकी तारीफ की. भिंडर ने कहा कि, "कटारिया  मेवाड़ के कद्दावर नेता हैं उनकी राजनीतिक सुझबुझ से मेवाड़ काफी वर्षों तक लाभान्वित होता रहा है. उनकी प्रतिभा को देखकर उन्हें ये पद दिया गया है जिसको वें अपने अनुभव से सुशोभित करेंगे. मेरी और मेरे परिवार की तरफ से गुलाब चंद कटारिया को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.



ये भी पढ़ें


Kota News: सीढ़ियों से गिरी दुल्हन तो दुल्हा बारात लेकर पहुंचा हॉस्पिटल, व्हील चेयर पर पहनाई वरमाला