Rajasthan Elections 2023: कांग्रेस पार्टी की तरफ से हाल ही में राजस्थान में जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां की गई है. इसमें एब्स ज्यादा चर्चा मेवाड़ के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर हो रही है. क्योंकि कही पर खुलकर पार्टी में ही विरोध हो रहा है तो कहीं अंदरूनी खींचतान. फिलहाल चर्चाओं की माने तो कहा जा रहा है कि मेवाड़ में निष्क्रिय कांग्रेस को सक्रिय करने के लिए पहले सीएम गहलोत ने लगातार दौरे किए तो अब जिलाध्यक्ष आगे बढ़ाने की शुरुआत कर रहे हैं.
यहां तक कि मेवाड़ की 28 में से 28 सीट जीतने का दावा भी कर रहे हैं. ऐसे में ही मेवाड़ की प्रमुख सीट मानी जाने वाली उदयपुर शहर में नियुक्त हुए जिलाध्यक्ष फतह सिंह राठौड़ से बात की तो उन्होंने बताया की किस तरह से भाजपा के गढ़ को ढहाने की तैयारी शुरू की है. जानिए क्या है प्लानिंग.
शुरुआत बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से, क्योंकि यहीं है नींव
एबीपी ने फतह सिंह राठौड़ से बात की तो उन्होंने अपनी प्लानिंग बताई. उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि भाजपा का गढ़ है लेकिन इसे ढहाने की तैयारी शुरू कर दी है. शुरुआत बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से होगी क्योंकि यहीं पार्टी की नींव है. बूथ स्तर तक जाएंगे और कार्यकर्ताओं को मजबूत करेंगे. साथ ही जो नए जुड़ रहे हैं उन्हें भी साथ लेकर आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि उदयपुर में 6 बार लगातार से नगर निगम बोर्ड बन रहा है और विधायक भी भाजपा से है लेकिन इस बार परिवर्तन होकर रहेगा.
नेता प्रतिपक्ष और मेवाड़ के दिग्गज नेता रहे असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के उदयपुर से जाने पर कांग्रेस के पास मौका है. उन्होंने कहा कि किसी के आने और किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. कटारिया यहां होते तो भी इस बार कांग्रेस को जीतते. गहलोत सरकार की राहत दिलाने वाली योजनाएं लोगों को राहत दिला रही है. मेवाड़ की 28 सीटों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार कांग्रेस यहां से 28 में से 28 सीट लाएगी और सरकार रिपीट करेगी. जन-जन तक योजनाएं पहुंचाएंगे.
नाराज मुस्लिम समुदाय को कैसे मनाएंगे
दरअसल कुछ समय पहले मुस्लिम समुदाय के नेता अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों से नाराज चल रहे थे. इसके पीछे कारण था कि मुस्लिम समुदाय से किसी को आप नहीं दिया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास के घर जाकर मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने विरोध किया था. इस पर फतह सिंह राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सभी को आठ लेकर चलने वाली पार्टी है. वैसे कोई नाराजगी नहीं है क्योंकि मैं अध्यक्ष बना तो मेरे स्वागत में सभी समाज थे. अगर नाराजगी होगी भी तो साथ बैठकर दूर करेंगे.