Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान में विधानसभा 2023 के चुनाव में बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों ने बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) पार्टी का समीकरण बिगाड़ रखा है. टिकट वितरण से नाराज होकर निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी से टिकट लेकर मैदान में उतरे प्रत्याशियों को जनता का समर्थन भी मिल रहा है. राजस्थान राज्य में भीलवाड़ा विधानसभा (Bhilwara) 1998 से ही बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इस विधानसभा सीट पर बीजेपी से चौथी बार विठ्ठल शंकर अवस्थी को प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज होकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने गौ भक्त अशोक कोठारी (Ashok kothari) को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतारा हुआ है.
बता दें कि, कोठारी को संतो के साथ आमजन का भी समर्थन मिला हुआ हैं, जिसके चलते यहां दोनों प्रमुख पार्टियों के पसीने छूट रहे हैं. भीलवाड़ा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी अशोक कोठारी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं. कोठरी को संतो के साथ आमजन का समर्थन मिला हुआ हैं, वैसे कोठारी आरएसएस (RSS) से भी संबंध रखते हैं और इन्हें विभिन्न हिंदू संगठनों ने खुला समर्थन दे रखा है. कोठरी उद्योग पति और गौ भक्त के रूप में पहचान रखते हैं. यह पहली बार राजनीतिक क्षेत्र में उतरे हैं.
भीलवाड़ा की अलग-अलग नामों से है पहचान
भीलवाड़ा जिले की बात करें तो इसे वस्त्र नगरी, अभ्रक नगरी, राजस्थान का मैनचेस्टर, टैक्सटाइल शहर आदि नामों से जाना जाता है. कभी भीलवाड़ा में सिक्के ढालने की टकसाल थी जिसमें ‘भिलाड़ी’ नामक सिक्के ढाले जाते थे. इसलिए इस क्षेत्र का नाम भीलवाड़ा पड़ा. भीलवाड़ा की सीमा उत्तर में अजमेर, पूर्व में बूंदी और टोंक, पश्चिम में राजसमंद और दक्षिण में चित्तौड़गढ़ से सटी है. इस शहर में लगभग दो लाख वोटर में से सबसे ज्यादा ब्राह्मण समुदाय के मतदाताओं की संख्या करीब 70 हजार है. इसमें बीजेपी का वोट मार्जिन लगातार बढ़ रहा है. हार का अंतर 2003 में 15,677 था जो पिछले चुनाव में बढ़कर 49,578 हो गया था. जबकि गुटबाजी की शिकार होने से कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल डागी की जमानत जब्त हो गई थी
पिछले चुनाव में 17 उम्मीदवारों ने अजमाई किस्मत
भीलवाड़ा विधानसभा सीट राजस्थान की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार तीसरी जीत दर्ज की थी. इस बार भीलवाड़ा विधानसभा सीट के परिणाम किस प्रत्याशी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है. भीलवाड़ा विधानसभा सीट पर 2018 में कुल 17 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाई थी. जहां बीजेपी के वर्तमान विधायक विठ्ठल शंकर अवस्थी ने निर्दलीय उम्मीदवार ओमप्रकाश नरानीवाल को 49,578 वोटों से शिकस्त दी थी. वहीं कांग्रेस के अनील डांगी तीसरे स्थान पर रहे थे. भीलवाड़ा विधानसभा सीट पर इस बार 11 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. बीजेपी के विठ्ठल शंकर अवस्थी के सामने कांग्रेस ने पूर्व बागी निर्दलीय प्रत्याशी ओमप्रकाश नरानीवाल को मैदान में उतारा है.
भीलवाड़ा 1998 से बना है बीजेपी का गढ़
वहीं इस बार बीजेपी दो गुटों में बंटकर टिकट वितरण से नाराज पक्ष ने अशोक कोठारी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतारा है जिससे भीलवाड़ा में त्रिकोणीय मुकाबले को संभावना बढ़ गई हैं. भीलवाड़ा विधानसभा में हुए चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह बात सामने आई कि, 1952 से लेकर अब तक 16 चुनाव हो चुके हैं. इसमें एक उपचुनाव था. इसमें नौ बार बीजेपी और सात बार कांग्रेस जीती थी. 1998 के बाद भीलवाड़ा विधानसभा में कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं जीता है. इस चुनाव में देवेंद्र सिंह की जीत हुई थी. उधर, पिछले तीन चुनावों से शहर में बीजेपी के विठ्ठलशंकर अवस्थी विधायक रहे हैं.
(सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट)