Rajasthan Elections 2023: पश्चिमी राजस्थान भारत-पाक की सरहदीय सीमा पर स्थित जैसलमेर जिले में राजस्थान ही नहीं देश के सबसे बड़े विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र है. जैसलमेर जिले में दो विधानसभा क्षेत्र हैं, जैसलमेर और परिसीमन के बाद बना पोकरण. जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र के परिणाम अपने आप में रोचक हैं. अब तक हुए 15 विधानसभा चुनाव में केवल दो विधायक हुकम सिंह और छोटू सिंह भाटी ही दूसरी बार विधायक बनने में सफल रहे. इनके अलावा सभी विधायक केवल एक बार ही जीत सकें हैं. 


कौन नेता दूसरी बार भी जीता


पूर्व राजघराना सदस्य हुकम सिंह ने दूसरी और तीसरी विधानसभा में जीत हासिल करके इतिहास रचा. वहीं 13वीं व 14वीं विधानसभा में लगातार विधायक छोटू सिंह भाटी ने जीत हासिल कर विधायक बने. इसमें भी रोचक जानकारी सामने आई है कि पूर्व राजघराने के सदस्य हुकम सिंह ने पहला चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता तो दूसरा कांग्रेस के टिकट पर. वहीं छोटू सिंह ने लगातार दो बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की. 


जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं ने कांग्रेस के प्रति केवल तीन बार ही विश्वास जताया है. वही विपक्षी दलों और निर्दलीयों के पक्ष में ज्यादातर विश्वास जताया गया है. जैसलमेर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 7 बार भारतीय जनता पार्टी तीन बार कांग्रेस, एक बार जनता दल, तीन बार निर्दलीय, एक बार स्वतंत्र पार्टी के प्रत्याशी ने चुनाव में जीत हासिल की है.


किस जाति के हैं मतदाता


जैसलमेर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र निर्वाचित विधायक को लगातार दूसरी बार पार्टी से दावेदारी करने का मौका कम ही मिलता है. जैसलमेर विधानसभा सीट पर चुनाव में जातिगत प्रभाव ज्यादा रहता है. राजपूत, ब्राह्मण अल्पसंख्यक, एसीसी-एसटी, विश्नोई, जाट,गोस्वामी अन्य ओबीसी मतदाता हैं.


जैसलमेर विधानसभा सीट पर चुनाव को लेकर तैयारियां चल रही हैं हालांकि मौजूदा विधायक रुपाराम धनदे, सुनीता भाटी, मानवेंद्र सिंह और जनक सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक कांग्रेस में टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. वहीं बीजेपी में पूर्व विधायक सांगसिंह, पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी, पवन कुमार सिंह सहित एक दर्जन टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. दोनों ही पार्टियों जिसे टिकट देगी उस पर चुनावी नतीजे निर्भर करेंगे.


जैसलमेर से कब कौन जीता



  • 1952 :हड़वंत सिंह निर्दलीय--कन्हैया लाल निर्दलीय

  • 1957:हुकम सिंह निर्दलीय--सत्यदेव व्यास कांग्रेस

  • 1962 :हुकम सिंह कॉन्ग्रेस --अनोप सिंह रामराज्य परिषद पार्टी

  • 1967 :बाल सिंह सोढा स्वतंत्र पार्टी-- हुकम सिंह कांग्रेस

  • 1972 :भोपाल सिंह कांग्रेस-- बाल सिंह सोढा

  • 1977 :किशन सिंह भाटी जनता पार्टी-- सोहन सिंह

  • 1980 :चंद्रवीर सिंह बीजेपी --सोहन सिंह कांग्रेस

  • 1985 :मुल्तान राम बारूपाल--भोपाल सिंह कांग्रेस

  • 1990 :डॉ जितेंद्र सिंह जनता दल --गोवर्धन कल्ला कांग्रेस

  • 1993 :गुलाब सिंह रावत बीजेपी-- फतेह मोहम्मद निर्दलीय

  • 1998 :गोरधन कल्ला कांग्रेस-- सांग सिंह भाटी निर्दलीय

  • 2003 :सांग सिंह भाटी भाजपा --जनक सिंह भाटी कांग्रेस

  • 2008 :छोटू सिंह भाटी भाजपा-- सुनीता भाटी कांग्रेस

  • 2013 :छोटू सिंह भाटी बीजेपी --रूपाराम मेघवाल कांग्रेस

  • 2018 :रूपाराम धनदे कांग्रेस--सांग सिंह भाटी बीजेपी


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