Rajasthan Election 2023: हरियाणा के बाद अब राजस्थान में सियासी जमीन तलाशेगी JJP, इन सीटों पर होगी नजर
Rajasthan Assembly Elections: जेजेपी की श्रीगंगानगर से लेकर भरतपुर तक हरियाणा की सीमा से लगे जिलों में 20-25 सीटों पर नजर है. इनमें से अधिकतर सीटें पिछले चुनावों में बीजेपी ने नहीं जीत पाई है.
Rajasthan Assembly Elections 2023: हरियाणा के बाद जननायक जनता पार्टी (JJP) अब राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. जेजेपी की नजर उन सीटों पर होगी, जिन सीटों पर हरियाणा सरकार में उसकी सहयोगी पार्टी बीजेपी चुनाव जीतने में असफल रही है. जेजेपी की इस रणनीति से दोनों पार्टियों में एक और गठबंधन बनाने की उम्मीद है. जानकारी के अनुसार दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी 25 सितंबर को सीकर में एक चुनावी रैली के साथ अपना चुनावी अभियान शुरू करेगी. बता दें कि इस दिन दिवंगत उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती है.
जेजेपी प्रवक्ता दीप कमल सहारन के अनुसार हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के बाद राजस्थान में अपना संगठनात्मक ढांचा तैयार करने से पहले बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को राजस्थान चुनाव लड़ने की पार्टी की योजना के बारे में बता दिया है. कमल सहारन के अनुसार जेजेपी ने श्री गंगानगर से लेकर भरतपुर तक हरियाणा की सीमा से लगे जिलों में 20-25 सीटों की पहचान की है. इनमें से अधिकतर सीटें पिछले चुनावों में बीजेपी ने नहीं जीती हैं. इससे दोनों पार्टियों के लिए राजस्थान में गठबंधन बनाना आसान हो जाएगा.
राजस्थान में चौटाला परिवार का कोई सदस्य नहीं लड़ेगा चुनाव
जानकारी के अनुसार चौटाला परिवार के किसी भी सदस्य के राजस्थान में चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है. जेजेपी का लक्ष्य विपक्षी पार्टियों के उन नेताओं को चुनावी मैदान में उतारना है, जो हाल ही में उसके पार्टी में शामिल हुए हैं. इन नेताओं में लूनकरनसर के पूर्व विधायक मनीराम सिंह, नवलगढ़ की पूर्व विधायक प्रतिभा सिंह और सीकर से कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष रीता सिंह शामिल हैं. बता दें कि रीता सिंह दातारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह की पत्नी और राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नारायण सिंह की बहू हैं, जो सात बार विधायक रहे हैं.
बीकानेर से हैं चौटाला परिवार की पैतृक जड़ें
जानकारी के अनुसार चौटाला की पैतृक जड़ें बीकानेर के नोखा गांव में हैं और उन्होंने पहले राजस्थान से चुनाव लड़ा और जीता था. दिवंगत चौधरी देवीलाल 1989 में सीकर से लोकसभा सदस्य चुने गये और उपप्रधानमंत्री बने. अजय सिंह चौटाला राजस्थान से दो बार (1989 में दांतारामगढ़ और 1998 में नोहर) विधायक चुने गए थे.
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