Rajasthan Elections 2023: पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग की भरतपुर विधानसभा सीट जाट बाहुल्य है. इस बार जाट समाज में इसी बात को लेकर रोष देखा जा रहा है. जाट समाज का कहना है कि करीब 80 हजार जाट मतदाता हैं. सबसे ज्यादा मतदाता जाट समाज के होने के बाद भी कांग्रेस या बीजेपी जाट समाज के व्यक्ति को टिकट क्यों नहीं देती हैं. इस बार जाट समाज का कहना है कि सभी जगह जातिवाद चल रहा है, इस बार जो भी पार्टी जाट समाज के व्यक्ति को टिकट देगी, समाज के लोग उसी को वोट करेंगे. अगर कोई भी पार्टी टिकट नहीं देगी तो जाट समाज महापंचायत कर एक प्रत्याशी तय कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारेगा.उसे ही जाट समाज वोट देकर विधानसभा में भेजेगा.  


विभिन्न जातियों की मांगें


राजस्थान में विधानसभा के चुनाव कुछ ही महीनों बाद होने हैं. विधानसभा चुनाव 2023 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. विधानसभा चुनाव को लेकर सभी जाति और समाज के लोग भी जागरूक होकर अपने समाज के लिए एकजुट होकर सरकार को अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाया है. जयपुर में जाट महापंचायत, ब्राह्मणों का विप्र सम्मेलन, माली समाज की महापंचायत, वैश्य समाज द्वारा अग्र बंधु महासम्मेलन कर शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं. इन समाजों ने सरकार में समाज की भागीदारी की मांग की है.


क्या चाहते हैं भरतपुर के जाट


भरतपुर विधानसभा क्षेत्र जाट बाहुल्य माना जाता है. भरतपुर में जातिगत आधार पर आंकलन किया जाए तो सबसे ज्यादा जाट समाज के मतदाता आते हैं. भरतपुर विधानसभा में लगभग 80 हजार जाट मतदाता बताए जा रहे हैं. लेकिन भरतपुर में 50 वर्ष से जाट समाज का व्यक्ति विधायक नहीं बना है. किसी भी पार्टी ने जाट समाज के व्यक्ति को टिकट नहीं दिया है. पहले 20 साल ब्राह्मण समाज का लगातार विधायक चुना गया फिर उसके बाद 20 साल लगातार वैश्य समाज का विधायक भरतपुर विधानसभा सीट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचा है. 


महापंचायत कर जाट समाज होंगे एकजुट 


जाट समाज के युवा और बुजुर्ग लोगों का कहना है कि कांग्रेस सरकार के राज में पेपर लीक का ममला और किसान के साथ धोखा भी इस सरकार ने किया है, लेकिन इस बार सबसे बड़ा इश्यू यह है की आखिर क्यों और कब तक झेलते रहेंगे जन हमारी जाट समाज के ही लगभग 88 हजार मतदाता हैं. इसबार लोगों में जागरूकता आई है. वो यह देख रहे हैं कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी जाट समाज के व्यक्ति को टिकट देती हैं या नहीं. अगर वो जाट को टिकट देंगी तो उसे जिताएंगे.अगर दोनों पार्टियों ने इस बार भी ऐसा नहीं किया तो ही किया तो हम जाट समाज द्वारा एक बड़ी महापंचायत करेंगे और जाट समाज के प्रत्याशी को निर्दलीय चुनाव मैदान मे उतार कर जाट प्रत्याशी को जिताने का काम करेंगे.


क्या चाहते हैं जाट युवा  
वहीं जाट युवाओं का कहना है कि दोनों ही पार्टियों को एक बार जाट समाज के प्रत्याशी को मौका देना चाहिए. इसबार जाट समाज एकजुट हैं. अब तक देखा गया है कि जाटों में फूट डालो और राज करो विदेशी राजनीति की तरह किया था जाटों में आपस में फूट डाल कर राज किया है. इस बार जाट समाज के लोगों से अपील की जाएगी की किसी के बहकावे न आएं और जाट समाज एकजुट रहकर जाट प्रत्याशी को विधायक बनाकर विधानसभा में भेजने का काम करेंगे. 


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