Rajasthan Election 2023: हिंदूवादी राजनीति का गढ़ रहा है कोटा संभाग, वसुंधरा को उपाध्यक्ष बनाने का यहां क्या होगा असर
Rajasthan Election 2023 News: बीजेपी और उससे पहले जनसंघ के समय से कोटा संभाग दक्षिणपंथी राजनीति का गढ़ रहा है. पहले लोकसभा चुनाव में जनसंघ ने तीन सीटें जीती थीं. उसमें से एक सीट राजस्थान से आई थी.
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) का आगाज हो चुका है. चुनावी रंगत जमने लगी है. दाव-पेंच शुरू हो गए हैं. मोहरे सेट किए जा रहे हैं.क्षेत्रीय और जातिगत समिकरणों के आधार पर वर्चस्व वाले नेताओं पर फोकस किया जा रहा है.खाई को पाटने का काम हो रहा है. कुल मिलाकर राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों के लिए हार-जीत का समीकरण बिठाने का काम तेज हो गया है. बड़े नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं. अंतिम कार्यकर्ता तक में जान फूंकने का काम हो रहा है. अगर कोटा संभाग की बात करें तो यहां 17 विधानसभा सीटें हैं. यहां आजादी के बाद से ही बीजेपी का वर्चस्व रहा है.बीजेपी बनने से पहले यहां जनसंघ जीतती रही है. लोकसभा में अधिकांश समय बीजेपी की जीत हुई है. वर्तमान में यहां से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) आते हैं. विधानसभा की बात करें तो यहां से 10 विधायक बीजेपी और सात विधायक कांग्रेस के हैं.
जब चुनाव चिन्ह दीपक था तब भी मिली थी जीत
वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी उससे पहले जनता पार्टी और जनसंघ के समय से कोटा संभाग दक्षिणपंथी राजनीति का गढ़ रहा है. जनसंघ से यहां ओंकार लाल बैरवा जीतकर आए तो कृष्ण कुमार गोयल ने भी हाडौती में जनसंघ का दीपक प्रज्जवलित किया. उसके बाद आपातकाल के बाद भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ. उसके बाद भी कोटा संभाग में बीजेपी का वर्चस्व कायम हैं.ओंकार लाल बैरवा यहां 1962, 1967 और 1971 में सांसद बने.वह जनसंघ से चुनाव जीते. देश के पहले लोकसभा चुनाव में जनसंघ ने तीन सीटें जीती थीं.उसमें से राजस्थान की चित्तौड़ सीट भी शामिल थी. यह जनसंघ की स्थापना के बाद पहला चुनाव था.
वसुंधरा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने का क्या असर होगा
हाल ही में सी वोटर-एबीपी के सर्वे में बीजेपी को राजस्थान में 119 तक सीटे मिलने का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद राजस्थान में बीजेपी की ताकत बढेगी, खासकर कोटा संभाग में. यहां की 10 सीटें ही अभी बीजेपी के पास हैं. सात सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.
कोटा संभाग में कहां से कौन जीता
कोटा संभाग के चार जिलो में 17 विधानसभा सीटे हैं. इनमें से कोटा जिले की कोटा उतर सीट कांग्रेस, कोटा दक्षिण सीट बीजेपी, रामगंजमंडी सीट बीजेपी, लाडपुरा सीट बीजेपी, सांगोद सीट कांग्रेस, पीपल्दा सीट कांग्रेस के पास हैं. वहीं झालावाड़ जिले की झालरापाटन सीट बीजेपी, डग सीट बीजेपी, खानपुर सीट बीजेपी, मनोहरथाना सीट बीजेपी के पास है.इसी तरह से बूंदी जिले की केशवराय पाटी (बीजेपी), बूंदी (बीजेपी), हिंडोली सीट कांग्रेस के पास है.बारां जिले की अंता सीट कांग्रेस, किशनगंज-कांग्रेस, बारां अटरू-कांग्रेस और छबडा सीट बीजेपी के पास है.
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