Rajasthan Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) इस बार काफी दिलचस्प रहने वाला है. संघर्ष दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों को करना होगा. कोटा संभाग की कुछ सीटों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश पर कड़े मुकाबले के आसार हैं. इसे देखते हुए ही  दोनों ही पार्टियों ने अभी से ताकत झोंक दी है. हम कोटा दक्षिण विधानसभा की बात करें तो इस बार दोनों ही पार्टियों के लिए यह सीट नाक का सवाल बन गई है.हालांकि यह सीट हमेशा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हाथ में रही है. लेकिन इस बार कांग्रेस यहां से पुरजोर प्रयास कर इस सीट को बीजेपी से हथियाना चाहती है.इस सीट से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला दो बार विधायक रह चुके हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के लिए इस सीट को बचाना प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. 


कम वोटों से हारी थी कांग्रेस
वहीं कांग्रेस पिछले चुनाव में कोटा दक्षिण विधानसभा सीट पर कुछ ही वोटो से हारी थी.इसलिए कांग्रेस भी पुरजोर प्रयास कर रही है कि बीजेपी का गढ़ ध्वस्त किया जाए. अशोक गहलोत की योजनाओं के माध्यम से लोगों को लुभाया जाए,लेकिन पूर्व में दो बार से विधायक रहे संदीप शर्मा ने भी कमर कस ली है. वह भी लगातार कार्यक्रमों में नजर आ रहे हैं.बैठकें कर रहे हैं और अपनी विधानसभा को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं. 


नए चेहरे पेश कर रहे हैं दावेदारी 
कोटा दक्षिण विधानसभा सीट पर देखा जा रहा है कि नए चेहरे भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. यह हाल कांग्रेस और बीजेपी दोनों में ही है. कांग्रेस में इस सीट से पूर्व में राखी गौतम ने चुनाव लड़ा था. वो साढे सात हजार वोटों से हार गई थीं. इसलिए पूरे 5 साल उन्होंने इस सीट पर जमकर काम किया. बड़ी बात यह है कि वह कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष चुनी गई हैं. इसलिए यह सीट और भी अहम हो जाती है. राखी गौतम हार गईं इसलिए यदि चेहरा बदलने की संभावना तलाशी गई तो कांग्रेस से दो लोगों द्वारा प्रयास किया जा रहा है.जबकी बीजेपी से एक प्रत्याशी के रूप में जमकर तैयारी की जा रही है.बीजेपी चेहरा बदलने के पीछे लगातार जीत का आंकडा कम होना है.इस सीट पर सबसे अधिक ब्राह्मण मतदाता हैं. इसलिए दोनों ही पार्टियों ब्राह्मण प्रत्याशी को ही उतार रही हैं.


कांग्रेस में गुटबाजी और बीजेपी अपनों से परेशान


कांग्रेस की बात करें तो कोटा दक्षिण विधानसभा सीट पर महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष राखी गौतम जोर आजमाइश कर रही हैं. माना जा रहा है कि सचिन पायलट गुट से होने के चलते उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. क्योंकि इस वक्त प्रदेश सचिव शिवकांत नंदवाना और शहर जिला कांग्रेस में अध्यक्ष रविंद्र त्यागी दोनों ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल गुट के हैं. इन दोनों नेताओं की नजर भी इस सीट पर है. वे जमकर कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं.बैठक ले रहे हैं. बूथ स्तर तक बैठकों का आयोजन कर अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस के लिए भी प्रत्याशी घोषित करना चुनौती होगी. शिवाकांत नंदन पूर्व में चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन वह हार गए थे. वहीं रविंद्र त्यागी अभी तक कोई भी चुनाव नहीं लड़े हैं. वह पूर्व में दो बार यूआईटी के चेयरमैन रह चुके हैं. वे धारीवाल के सबसे खास माने जाते हैं.


क्या है बीजेपी की चिंता
कोटा दक्षिण विधानसभा भारतीय जनता पार्टी की परंपरागत सीट है. वह पिछले चार बार से इस सीट को जीतती आ रही है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. एक बार वह संसदीय सचिव भी बन चुके हैं. कोटा दक्षिण विधानसभा सीट से संदीप शर्मा दो बार चुनाव जीते हैं.पहली बार वह 25 हजार के करीब वोटों से चुनाव जीते थे. दूसरी बार वे सीधे साढे हजार वोटों पर आ गए थे. ऐसे में घटता जीत का क्रम बीजेपी के लिए चिंता का विषय है.ऐसे में नए चेहरे सामने आ रहे हैं.पूर्व में भी एक गुट ने कोटा दक्षिण विधानसभा सीट पर गहरी नाराजगी जाहिर की थी. इस गुट ने नए प्रत्याशी की मांग की थी.इस बार भी ऐसा ही होता दिखाई दे रहा है.बीजेपी की यहां कांग्रेस के साथ-साथ अपने लोगों से भी लड़ाई है. विकास शर्मा दमदारी से ताल ठोक रहे हैं. तिरंगा रैली के माध्यम से वो अपनी ताकत दिखा चुके हैं. इसमें लोकसभा अध्यक्ष ने भी शिरकत की थी.ऐसे में यह सीट कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए ही चुनौती साबित हो रही है.इस सीट पर इस बार मुकाबला बेहद ही रोमांचक रहने वाला है. 


ये भी पढ़ें


Rajasthan News: उदयपुर में आदिवासी महिलाएं गोबर से बना रही हैं राखियां, जानें क्या है एक राखी की कीमत