Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस एक एक विधानसभा सीट को टटोल रहे हैं और वहां के वोटरों को रिझा रहे हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है उदयपुर संभाग का जनजातीय क्षेत्र जो सरकार बनाने और बिगड़ने की ताकत रखता है. अब यहां नई पार्टी का ऐलान हुआ है. यह पार्टी आदिवासी समाज संगठन ने नई पार्टी भारतीय आदिवासी पार्टी उदयपुर संभाग की 28 सीटों में आरक्षित 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं. अब भारतीय आदिवासी पार्टी के लिए चुनौती यहां पेठ जमाए बैठे बीजेपी - कांग्रेस के नेताओं को पछाड़ना. वहीं बीजेपी - कांग्रेस के लिए यह पार्टी चिंता का विषय हैं.


उदयपुर संभाग में उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर जिले हैं. इस सभी में 28 विधानसभा सीट है. इसमें से 16 अनुसूचित जनजाति और 1 अनुसूचित जाति की है. इसमें बीजेपी के पास इनमें से 7 विधायक है और वहीं कांग्रेस के 6, 1 निर्दलीय और 2 बीटीपी के विधायक है. 1 निर्दलीय विधायक कांग्रेस समर्थित है. ऐसे में देखा जाए तो मेवाड़ की आरक्षित सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस का वर्चस्व बराबरी का है. लेकिन बीटीपी काफी पीछे हैं.


आदिवासी पार्टी को यह है चुनौतियां
मेवाड़ में देखा जाए तो तो एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस जीतती रही है. जैसे राजस्थान में ही चुनाव में बदलाव होता है. लेकिन यहां कुछ सीटें ऐसी है जिन्हें दोनो पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने दो से तीन साल से वर्चस्व बना रखा है. जैसे उदयपुर ग्रामीण विधानसभा जहां बीजेपी के फूल सिंह मीणा दो बार से विधायक है, कांग्रेस सरकार में मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय सहित अन्य ऐसे दिग्गज नेता हैं जो अपने क्षेत्र में पैठ जमाए हुए हैं. इनका वर्चस्व सिर्फ इन्हीं की सीट नहीं, आस पास की अन्य सीटों पर भी है. ऐसे में आदिवासी समाज के नेतृत्व में बन रही नहीं भारतीय आदिवासी पार्टी के लिए यहां सेंध लगाना चुनौती होगा. 


यह है 17 आरक्षित सीटों पर विधायक


उदयपुर जिला
गोगुंदा - प्रताप लाल भील - बीजेपी
झाड़ोल - बाबूलाल - बीजेपी
खेरवाड़ा - दयाराम परमार - कांग्रेस
सलूंबर - अमृत लाल मीणा - बीजेपी
उदयपुर ग्रामीण - फूल सिंह मीणा - बीजेपी


बांसवाड़ा जिला
बागीदौरा - महेंद्रजीत सिंह मालवीय - कांग्रेस
बांसवाड़ा - अर्जुन सिंह बामणिया - कांग्रेस
गढ़ी - कैलाशचंद्र मीणा - बीजेपी
घाटोल - हरेंद्र निनामा - बीजेपी
कुशलगढ़ - रमिला खड़िया - निर्दलीय


डूंगरपुर जिला
आसपुर - गोपीचंद मीणा - बीजेपी
चौरासी - राजकुमार रोत - बीटीपी
डूंगरपुर - गणेश घोघरा - कांग्रेस
सागवाड़ा - रामप्रसाद डिंडोर - बीटीपी


प्रतापगढ़ जिला 
प्रतापगढ़ - रामलाल मीणा - कांग्रेस
धरियावद - नगराज मीणा - कांग्रेस


चित्तौड़गढ़ में अनुसूचित जाति की एक सीट
कपासन - अर्जुन लाल जीनगर - बीजेपी


छात्र संघ चुनाव में बड़ी जीत बढ़ा रही जोश
बीटीपी के अभी दो विधायक है और इन विधायकों ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है. यह दोनों आदिवासी समाज से बन रही भारतीय ट्राइबल पार्टी के साथ है. भारतीय ट्राइबल पार्टी का यह पहला विधानसभा चुनाव होगा. ऐसे में इस चुनाव में पार्टी का जोश बढ़ाने के लिए कुछ माह पहले हुए छात्र संघ चुनाव काम आ रहा है. इसमें आदिवासी समाज का युवा अंग भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा ने एनएसयूआई और एबीवीपी को बुरी तरह से पकड़ा था जिसमें 18 कॉलेज में जीत दर्ज की थी. ऐसे परिणामों से संभावना जताई जा रही है कि आदिवासी युवा वर्ग इनके साथ जुड़ रहा है. यहीं इस पार्टी का प्लस प्वाइंट है.


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