Rajasthan Election 2023: इस सीट 2018 में पहली बार गुर्जर समाज का बना विधायक, सबसे अधिक हैं जाट मतदाता
Rajasthan Election 2023: नदबई विधानसभा सीट पर कुल 2 लाख 66 हजार से अधिक मतदाता है. इनमें से करीब 1 लाख 25 हजार जाट मतदाता हैं. दूसरे नंबर पर एससी वर्ग के मतदाता हैं.
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान के भरतपुर जिले की नदबई विधानसभा सीट ऐसी है, जहां 1972 से 2018 तक कांग्रेस के प्रत्याशी की केवल दो बार ही जीत हुई है. एक तो 1972 में नत्था सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीते, दूसरी 1993 के विधानसभा चुनाव में जब नदबई विधानसभा सीट पर पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वेन्द्र सिंह ने जीत दर्ज की थी.उसके बाद से आजतक कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं जीता है नदबई विधानसभा सीट पर.
सबसे ज्यादा वोट जाट समाज के
नदबई विधानसभा क्षेत्र में कुल दो लाख 66 हजार के लगभग मतदाता हैं. इसमें करीब एक लाख 25 हजार जाट मतदाता हैं. दूसरे नंबर पर एससी वर्ग के मतदाताओं की संख्या है. नदबई विधानसभा क्षेत्र में एससी वर्ग के 60 हजार के लगभग मतदाता हैं. ब्राह्मण समाज के भी 25 हजार मतदाता हैं. गुर्जर समाज के मतदाता करीब 20 हजार हैं. माली-सैनी समाज का वोट भी करीब 15 हजार है. इस तरह से कहा जा सकता है कि जाट समाज के वोट ही नदबई सीट पर विधायक बनाते हैं. नदबई विधानसभा सीट पर अक्सर जाट समाज का ही प्रत्याशी विधायक बना है.
निर्दलीय प्रत्याशी बीजेपी-कांग्रेस पर भारी
नदबई विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशियों का भी दबदबा रहा है. वर्ष 1993 में कांग्रेस पार्टी से विश्वेन्द्र सिंह और 2008 और 2013 में कृष्णेंद्र कौर दीपा बीजेपी से जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. साल 1998 के विधानसभा चुनाव में यशवंत सिंह रामू ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी.वहीं 2003 के विधानसभा चुनाव में नदबई विधानसभा सीट पर कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में जीत दर्ज की थी.
पहली बार 2018 में जीती बसपा
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार बहुजन समाज पार्टी ने अपना खाता नदबई विधानसभा में खोला था. उसने 2018 के विधानसभा चुनाव में नदबई विधानसभा सीट पर जोगिंदर सिंह अवाना को अपना उम्मीदवार बनाया था. अवाना गुर्जर समुदाय से आते हैं. लेकिन जोगिंदर सिंह अवाना बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
इस बार बहुजन समाज पार्टी ने खेमकरण तौली को अपना प्रत्याशी बनाया है. खेमकरण तौली 2918 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नदबई विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं. उन्हें कुल 29 हजार 529 वोट मिले थे. इसके साथ ही जिला परिषद में जिला प्रमुख के पद पर भी खेमकरण तौली रह चुके हैं. अब बहुजन समाज पार्टी ने खेमकरण तौली को टिकट देकर अपना प्रत्याशी बनाया है. खेमकरण तौली जाट समाज से आते हैं. इस बार फिर नदबई विधानसभा पर कांटे की टक्कर मानी जा रही है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी भी जल्दी ही अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने वाली हैं.
विधायक से नाराज हैं मतदाता
नदबई विधानसभा सीट पर जाट समाज के प्रत्याशी की होगी जीत. नदबई विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा जाट मतदाता हैं. वर्ष 2018 के चुनाव से पहले जितने भी विधानसभा के चुनाव हुए हैं, नदबई विधानसभा सीट पर जाट समाज का ही विधायक बनकर जयपुर गया है. पहली बार वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जोगिंदर सिंह अवाना की जीत हुई थी. इस बार उनका नदबई विधानसभा क्षेत्र में बहुत विरोध है. नदबई के जाट समाज के वरिष्ठ लोगों का कहना है की जो भूल पिछली बार हुई थी वह अब नहीं होगी. जोगिंदर सिंह अवाना ने नदबई विधानसभा क्षेत्र में जातिवाद को बढ़ावा दिया है.भाई से भाई को लड़ाने का काम किया है. इसलिए इस बार जाट प्रत्याशी को ही वोट देकर विजयी बनाएंगे.
लोगों को कहना है कि वे आचार संहिता लगने का इन्तजार कर रहे हैं. अवाना ने डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की मूर्ति और महाराजा सूरजमल की मूर्ति प्रकरण से नदबई विधानसभा क्षेत्र में आपसी भाईचारा खत्म करने का काम किया है.दबई क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि अवाना या तो नदबई से चुनाव ही नहीं लड़ेंगे और लड़ते हैं तो इस बार जोगिंदर सिंह अवाना को सबक सिखाना है.
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