Rajasthan Election 2023: राजस्थान में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी कल्याण सम्मेलन होने जा रहा है. आदिवासी कल्याण सम्मेलन में देशभर के आदिवासी और विचारक भी शामिल होंगे. कहा जा रहा है कि 21 और 22 मार्च को राष्ट्रीय आदिवासी कल्याण सम्मेलन महात्मा गांधी की विचारधारा को मानने वाले कर रहे हैं. इसका आयोजक राजस्थान सरकार का शांति और अहिंसा विभाग है. डूंगरपुर जिला कलेक्टर लक्ष्मी नारायण मंत्री ने बैठक में अधिकारियों को सम्मेलन की तैयारियों के लिए जुट जाने को कहा था. राष्ट्रीय आदिवासी कल्याण सम्मेलन को राजनीतिक इवेंट नहीं बताया जा रहा है.


पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी कल्याण सम्मेलन


राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास आयोग अध्यक्ष डॉ. शंकर यादव ने कहा कि दो दिन तक चलने वाले राष्ट्रीय आदिवासी कल्याण सम्मेलन की थीम गांधी दर्शन और आदिवासियों का उत्थान रखी गई है. राजस्थान में आदिवासी कल्याण पर केंद्रित राष्ट्रीय स्तर का पहला सम्मेलन होने जा रहा है. सम्मेलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदिवासी कल्याण पर विचार और दर्शन की पृष्ठभूमि में मौजूदा दौर की ज्वलंत समस्याओं पर चिंतन किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए डूंगरपुर को चुना है.


क्यों माना जा रहा विधानसभा चुनाव से नाता?


राजस्थान के इतिहास में पहली बार ऐसा सम्मेलन होने जा रहा है. सम्मेलन में आदिवासी कल्याण, सामाजिक सौहार्द और समग्र विकास के लिए देशभर से विचारक जुटेंगे. विभिन्न सत्रों में सांस्कृतिक, सामाजिक और आदिवासी संस्कृति से जुडे़ विषयों पर विचार रखे जाएंगे. शांति एवं अहिंसा विभाग की ओर से राष्ट्रीय आदिवासी कल्याण सम्मेलन के लिए राज्य स्तर पर चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. गौरतलब है कि इसी साल के अंत में राजस्थान विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.


राज्य सरकार हर वर्ग को लुभाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में सबसे ज्यादा नजर आदिवासी सीटों पर है. इसलिए उदयपुर संभाग में कांग्रेस और बीजेपी का कई बड़ा आयोजन हो चुका है. पीएम मोदी और राहुल गांधी सभा को संबोधित कर चुके हैं. अब एक और बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. सम्मेलन की पहले तारीख 27 और 28 फरवरी को रखी गई थी.


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